Bihar EOU Report on NEET-UG paper leak: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध यूनिट (EOU) ने NEET-UG पेपर लीक मामले की रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 मई को परीक्षा केंद्र पहुंचने से पहले ही बिहार-झारखंड के 100 अभ्यर्थियों को नीट का पेपर लीक हो गया था। इस पेपर लीक की साजिश को परीक्षा माफिया और साइबर अपराधियों ने मिलकर अंजाम दिया था।

झारखंड से हुई पांच आरोपियों की गिरफ्तारी
इस मामले में झारखंड के देवघर से चिंटू, मुकेश, पंकु, परमजीत, और राजीव कुमार को गिरफ्तार किया गया था। चिंटू इस लीक कांड के मुख्य सरगना संजीव मुखिया का रिश्तेदार है। वहीं,  मुकेश चिंटू के गांव का ही रहने वाला है। पंकु, परमजीत और राजीव साइबर अपराधी हैं। EOU के मुताबिक, चिंटू के वॉट्सएप पर 5 मई की सुबह NEET-UG का प्रश्न पत्र पहुंच गया था। इसके साथ ही सभी प्रश्नों के आंसर भी PDF फॉर्मेट में वॉट्सएप पर मिल गया था। इसके बाद इन सभी आरोपियों ने पटना के खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल के वाईफाई प्रिंटर से क्वेश्चन पेपर और आंसर प्रिंट किया।

 

पटना और झारखंड में पेपर रटवाए गए
प्रिंट निकालने के बाद परीक्षा माफिया एक्टिव हो गया था। माफिया सभी स्टूडेंट्स को पटना के खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल ले गए। इसके साथ ही कुछ स्टूडेंट्स को पटना बाईपास के पास एक होटल भी ले जाया गया। इसके साथ ही झारखंड के कुछ शहरों में छात्रों को सवाल-जवाब रटवाए गए थे। माफिया ने ही स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर तक पहुंचाया।

बैंक से सेंटर ले जाते वक्त क्वेश्चन पेपर निकाले गए
हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के लिए अलॉट हुआ क्वेश्चन पेपर शिक्षा माफिया तक पहुंचा चुका था। इस सेंटर के लिए जिस ट्रंक में भरकर क्वेश्चन पेपर गया था उस ट्रंक से छेड़छाड़ की गई थी। क्वेश्चन पेपर बुकलेट नं. 6136488  को इसी ट्रंक से निकाला गया था। ट्रंक को FSL जांच के लिए भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि क्वेश्चन पेपर  कुरियर से स्कूल को भेजा गया था। इसे बैंक में रखा गया था। जब बैंक से क्वेश्वन पेपर स्कूल ले जाया रहा था, उसी दौरान ट्रंक से इसे निकालने की बात सामने आई है। 

मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की तलाश जारी
नालंदा पुलिस ने संजीव मुखिया के घर पर छापेमारी की थी, लेकिन वह फरार है। पुलिस ने संजीव के परिजनों से पूछताछ की है और उसकी कुर्की-जब्ती की तैयारी कर रही है। पटना के लर्न एंड प्ले हॉस्टल से जले पेपर के टुकड़े भी बरामद किए गए हैं। EOU के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लो के अनुसार, जले पेपर का मिलान NTA के मूल पेपर से हो गया है और अब इसे FSL को भेजा जा रहा है।

पेपर लीक स्थानीय स्तर तक सिमित: शिक्षा मंत्रालय 
शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने पेपर लीक की बात साबित तो कर दी, लेकिन यह केवल पटना, नालंदा और वैशाली तक ही सीमित रहा। उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि NEET का मामला UGC-NET से बिल्कुल अलग है। NEET का पेपर केवल सीमित लोगों के पास ही था, लेकिन यह भी एक गंभीर मामला है। इसलिए, मामले की तह तक जाने के लिए CBI को जांच सौंपी गई है।

NEET-UG रीएग्जाम में बैठे 790 छात्र
NEET-UG में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों के लिए 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें 813 छात्र शामिल हुए और 750 छात्र अनुपस्थित रहे। 5 मई की परीक्षा में ग्रेस मार्क्स मिलने के कारण 1563 में से 790 छात्र क्वालिफाई हुए थे। हरियाण के झज्जर एग्जाम सेंटर से परीक्षा देने वाले सबसे ज्यादा 6 टॉपर निकले थे। रीएग्जाम में इस सेंटर के 42% स्टूडेंट परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे। 

NTA में सुधार के लिए गठित की जा चुकी है कमेटी
22 जून को शिक्षा मंत्रालय ने NTA की परीक्षाओं में गड़बड़ियां रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए 7 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का गठन किया। ISRO के पूर्व चेयरमैन और IIT कानपुर के पूर्व डायरेक्टर के. राधाकृष्णन इसके चीफ होंगे। यह कमेटी 2 महीने में रिपोर्ट सौंपेगी। यह कमेटी सोमवार को अपनी पहली बैठक करेगी। इस बैठक में एनटीए में सुधार करने के बारे में चर्चा करेगी। इस बीच स्थगित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी AICTE और यूजीसी को सौंपी जा सकती है। 

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