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Solver Gang NEET: नीट पेपर लीक के 'सॉल्वर गैंग' का पर्दाफाश हो चुका है। इसमें मुखिया और रवि अत्री की अहम भूमिका रही। रवि अत्री मास्टरमाइंड बताया है। आइए, जानते हैं गैंग के दो अहम चेहरों की क्राइम कुंडली। 

Solver Gang NEET: मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET को लेकर विवादों का सिलसिला जारी है। मई में आयोजित NEET-UG परीक्षा को रद्द करना पड़ा है। जांच में पता चला है कि पेपर बिहार में लीक हुआ था। अब इस पेपर लीक के 'सॉल्वर गैंग' का पर्दाफाश हो चुका है। NEET पेपर लीक कराने में मुखिया और रवि अत्री की अहम भूमिका रही। रवि अत्री को इस सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। आइए, जानते हैं इस सॉल्वर गैंग के दो अहम चेहरों की क्राइम कुंडली। 

नीट-यूजी परीक्षा के नतीजे सामने आते ही विवाद शुरू हो गया। कई स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स आए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, बस फिर क्या था विवाद शुरू हो गया। पहले कहा गया कि ग्रेस मार्क्स देने में गड़बड़ी हुई है। लेकिन बिहार पुलिस ने दावा किया कि पेपर लीक हुआ है। बिहार पुलिस की जांच में पता चला कि परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर लीक हो चुका था। कई स्टूडेंट्स के पास एक रात पहले ही प्रश्न पत्र पहुंच गए थे। इस घटना ने देश के प्रतिष्ठित मेडिकल एंट्रेस एग्जाम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैसे पेपर लीक करता था 'सॉल्वर गैंग'
सॉल्वर गैंग का मास्टरमांइड रवि अत्री बेहद शातिराना ढंग से पूरे पेपर लीक को अंजाम दिया करता था। यह पता करता था कि प्रश्न पत्र कहां छप रहे हैं। इसके बाद इस बात पर नजर रखी जाती थी कि प्रिंटिंग प्रेस से एग्जाम सेंटर तक क्वेश्चन पेपर कब पहुंचाया जाएगा। जब प्रश्न पत्र का ट्रांसपोर्टेशन किया जाता था, इसी दौरान गाड़ी को रुकवाया जाता और जिन लकड़ी के बक्सों में प्रश्न पत्र रखे होते उसे काटकर प्रश्न पत्र निकाल लिया जाता। इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन करने वाले लोगों के साथ मिली भगत की जाती। 

स्टूडेंट्स तक कैसे पहुंचाया जाता था प्रश्न पत्र
सॉल्वर गैंग का मुखिया स्टूडेंट्स तक क्वेश्चन पेपर पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करता था। ऐसी खबरें सामने आई है कि कुछ टेलीग्राम ग्रुप के जरिए स्टूडेंट तक पहुंचा देता था। इसके साथ ही जो स्टूडेंट खुद से परीक्षा देकर पास होने की स्थिति में नहीं होते थे, उनके लिए इस सॉल्वर गैंग के पास दूसरा ऑफर था। यह गैंग ऐसे स्टूडेंट्स के लिए ऐसे कैंडिडेट्स का जुगाड़ करता था जो ऑरिजनल स्टूडेंट के डमी होते थे। एडमिट कार्ड पर तस्वीर बदलकर सेंटर पहुंचते और स्टूडेंट के बदले परीक्षा देते थे। 

कौन है रवि अत्री ? 
रवि अत्री ने 2012 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास की थी। हालांकि चौथे साल में उसने पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद वह 'परीक्षा माफिया' के संपर्क में आ गया। रवि अत्री ने दूसरे स्टूडेंट्स के बदले परीक्षा देना शुरू कर दिया। वह दूसरे उम्मीदवारों के लिए प्रॉक्सी के तौर पर परीक्षा देने लगे। बताया जा रहा है कि अत्री के नेटवर्क कई राज्यों में फैले थे। वह परीक्षा माफिया के लिए स्टूडेंट़्स तक लीक हुए पेपर पहुंचाने का भी काम करता था। 

संजीव मुखिया के नेपाल भागने की आशंका
'सॉल्वर गैंग' के सदस्य संजीव मुखिया भी पेपर लीक में शामिल पाए  गया। पुलिस ने उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। मुखिया का परिवार भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। विवाद बढ़ने के बाद मुखिया नेपाल भाग गया है। पुलिस के मुताबिक संजीव मुखिया का बेटा भी परीक्षा लीक कराने के काम में शामिल रहा है। संजीव मुखिया को बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 

सरकार नकल रोकने के लिए ला चुकी है सख्त कानून
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEET को रद्द करने की संभावना से इनकार किया। सरकार ने मामले की सीबीआई जांच भी शुरू की है और एक सख्त कानून लागू किया है। नए कानून के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस ने पेपर लीक मामले में झारखंड के देवघर से  पांच लोगों  को  गिरफ्तार किया था। वहीं अब महाराष्ट्र के एक टीचर से भी पूछताछ की जा रही है। 

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