Nepalese attack on indian posts : यूपी के बहराइच जिले में नेपाल से सटे कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य में नेपाली शिकारियों ने अवैध तरीके से भारतीय सीमा में घुसकर वन विभाग की पांच चौकियों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना की पुष्टि करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी बी शिवशंकर ने बताया कि शनिवार को धर्मापुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी द्वारा शक के आधार पर एक नेपाली नागरिक को हिरासत में लिया गया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। लेकिन इसके बाद गुस्साए नेपाली शिकारियों ने चौकियों में आग लगा दी।
बीते साल भी भारतीय वन क्षेत्र में घुसे थे नेपाली
वन विभाग के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत के दाैरान बताया कि अक्सर नेपाली नागरिक भारतीय वन क्षेत्र में घुसकर गैर कानूनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। बीते साल नवंबर में भी कुछ नेपाली नागरिकों द्वारा अवैध रूप से दो शीशम के पेड़ काटे गए थे। जिसके बाद 10 नेपालियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालांकि,कोई भी आरोपी पकड़ा नहीं गया था। इसी घटना की कड़ी में शनिवार को एक नेपाली नागरिक को हिरासत में लिया गया, जिसे बाद में छोड़ दिया गया।
नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी पर अधिकारियों ने क्या कहा
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को वन विभाग के अधिकारियों ने ने धर्मापुर के जंगल में एक नेपाली नागरिक को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया था। पूछताछ में उसके निर्दोष होने की बात पता चली। इसके बाद उस नेपाली नागरिक को छोड़ दिया गया। हालांकि, इससे नाराज होकर 20 से 25 नेपाली नागरिक धर्मापुर जंगल में देर रात घुस आए। इन नेपालियों ने धर्मापुर जंगल में भारतीय वन विभाग की पांच अस्थायी चौकियों को आग के हवाले कर दिया। इससे तीनों चौकियां जलकर खाक हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद सभी नेपाली वापस अपने देश की सीमा में भाग गए।
नेपाल की सीमा से सटा है कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य
कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य का 45 किलोमीटर का क्षेत्र नेपाल की सीमा से जुड़ा हुआ है, जबकि बहराइच जिले का कुल 70 किलोमीटर का जंगल नेपाल सीमा से सटा हुआ है। खुली सीमा के कारण नेपाली शिकारियों का भारतीय जंगल में आना और फिर अपराध कर वापस नेपाल भाग जाना आम हो गया है। इस क्षेत्र में सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) की 23 चौकियां स्थापित हैं, जिनमें से 16 कतर्नियाघाट के सीमावर्ती इलाके में स्थित हैं, फिर भी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए यह घटना घटित हुई।
कतर्नियाघाट जंगल में अक्सर घुस आते हैं नेपाली शिकारी
कतर्नियाघाट जंगल 550 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पेड़, जड़ी-बूटियां और हाथी, गैंडे, बाघ, तेंदुआ, हिरन, डालफिन और घड़ियाल जैसे वन्यजीव पाए जाते हैं। नेपाल से आने वाले शिकारी यहां शिकार करके आसानी से नेपाल भाग जाते हैं, जिससे वन्यजीवों और वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी बी. शिवशंकर ने बताया कि इस घटना के संबंध में सीनियर अफसरों को सूचित कर दिया गया। सोमवार को इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। वन विभाग की धाराओं में भी मामला दर्ज किया जाएगा।