छत पर उतरेगी एयर एम्बुलेंस: मद्रास IIT के स्टार्टअप का कमाल, स्वास्थ्य सेवा में आएंगे क्रांतिकारी बदलाव 

Air ambulance Service in India: भारत में 2026 तक एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू करने की योजना है। मद्रास IIT के स्टार्टअप ICATT के साथ केंद्र ने 1 बिलियन डॉलर का समझौता किया है।;

Update:2025-02-17 18:11 IST
भारत में उड़ेंगी एयर एम्बुलेंस: मद्रास IIT के स्टार्टप से 1 बिलियन डॉलर का करार; स्वास्थ्य सेवा में आएंगे क्रांतिकारी बदलाव।Air ambulance service on road
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Air ambulance Service in India: भारत देश के विभिन्न इलाकों में एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू करना चाहता है। इसके लिए मद्रास IIT स्थित ICATT (इंटरनेशनल क्रिटिकल-केयर एयर ट्रांसफर टीम) के साथ 1 बिलियन डॉलर का समझौता किया है। यह कंपनी 788 ऑन-रोड वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराएगी। जिन्हें सड़क और छत कहीं भी उतारा जा सकेगा। विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली इस एयर एम्बुलेंस से स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव संभव हैं। 

7 गुना तेजी से पहुंचेंगी सेवाएं 
द ईप्लेन कंपनी ने e200x विमान बनाया है, जो बेहद सस्ता, सुरक्षित और सतत हवाई परिवहन सेवा उपलब्ध करा रहा है। इसका विंगस्पैन महज 8 मीटर का है, जिस कारण यह छत और सड़क किनारे मामूली जगह पर भी लैंड कराया जा सकता है। अल्ट्रा-कॉम्पैक्ट और eVTOL (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग) तकनीक पर आधारित विमान  e200x की स्पीड सड़क एम्बुलेंस की तुलना में सात गुना ज्यादा है। इससे मरीजों को त्वरित उपचार मिलेगा। 

एयर एम्बुलेंस से यह भी फायदे
एयर एम्बुलेंस के लिए ICATT के साथ हुआ यह समझौता कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इससे देश के दुर्गम इलाकों में स्थित गांवों तक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। दुर्घटना अथवा बीमारी की स्थिति में मरीज, अंगों, जीवनरक्षक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के परिवहन तो मदद मिलेगी ही। बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा के समय भी लोगों को त्वरित मदद उपलब्ध कराई जा सकेगी। व्यापार-व्यवसाय भी समृद्ध होगा। 

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ICATT का उद्देश्य और विजन 

  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के प्रोफेसर सत्य चक्रवर्ती ने 2019 में द ईप्लेन कंपनी की स्थापना की थी। ICATT का लक्ष्य 2026 की दूसरी छमाही तक वाणिज्यिक संचालन शुरू करना है।
  • हर साल यहां 100 विमान बनाने का शुरुआती लक्ष्य है। जो एक बार में 110 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकेंगे। बाद में इनकी उड़ान क्षमता 200 किलोमीटर तक बढ़ाए जाने का लक्ष्य है।  
  • सत्य चक्रवर्ती ने बताया कि विशेष प्रकार के eVTOL विमानों के प्रोटोटाइप बनाने, उनके परीक्षण और सर्टिफ़िकेशन के लिए 100 मिलियन डॉलर की जरूरत है। कंपनी को अब तक 20 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है।  
  • सत्य चक्रवर्ती ने बताया कि विमानों में पायलट, पैरामेडिक, मरीज, स्ट्रेचर और जीवन रक्षक उपकरण के साथ चिकित्सा किट उपलब्ध होगी। इनकी अधिकतम गति 200 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और बैटरी चार्ज के हिसाब से रेंज 110 से 200 किमी रेंज तक उड़ान भर सकेंगे। 
  • सत्य चक्रवर्ती ने कहा, "हम एयर एंबुलेंस के साथ अपने उत्पादन को बढ़ा सकते हैं और चीजों को बाजार में बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं, बजाय सीधे एयर टैक्सी के।" उन्होंने आगे कहा, "एयर एंबुलेंस को एयर टैक्सी के साथ भीड़भाड़ में जाने की तुलना में कहीं अधिक व्यवस्थित तरीके से बढ़ाना हमारे लिए संभव है। 
     

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