Mamata Banerjee Walkout: नीति आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वाकआउट (Mamata Banerjee Walkout) पर सफाई दी। ममता ने दावा किया था कि नीति आयोग की बैठक में (NITI Aayog Meeting) मुझे मेरे भाषण के दौरान रोका गया। जबकि मैं विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि थीं। नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने शनिवार काे ममता के इस बयान पर सफाई दी।
'सभी प्रतिनिधियों को सात मिनट का समय दिया गया था'
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि ममता बनर्जी ने लंच से पहले बोलने का अनुरोध किया था। सभी मुख्यमंत्रियों को सात मिनट का समय दिया गया था। ममता को गुजरात के पहले बुलाया गया था। नीति आयोग ने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों को एक समान समय दिया गया था। ममता बनर्जी ने अपने निर्धारित समय के मुताबिक बयान दिया और उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना गया। उनके जाने के बाद भी उनके मुख्य सचिव बैठक में मौजूद रहे।
'जो लोग बैठक में शामिल नहीं हुए यह उनका नुकसान'
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि बैठक से अंतिम समय में बहुत से लोग बाहर निकल गए। कुछ राज्य जिन्होंने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया उनकी भी स्पीच हमारे पास है। इस बैठक में झारखंड और पुडुचेरी शामिल नहीं हुए। सभी लोग बहिष्कार के कारण मीटिंग से बाहर नहीं गए। जो लोग हिस्सा नहीं ले पाए, उनके लिए मैं हमेशा कहता हूं कि यह उनका नुकसान है।अगर वह हमारे और उनके लिए दोनों के हित के लिए बैठक में मौजूद हैं तो यह अच्छी बात है। अगर कोई भाग नहीं लेतास है तो उसे मीटिंग से बाहर नहीं किया जाएगा।
ममता बनर्जी ने क्या आरोप लगाए
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि उन्हें केवल पांच मिनट बोलने दिया गया। ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने बैठक का बहिष्कार किया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 20 मिनट दिए गए, जबकि मुझे केवल पांच मिनट मिले। यह अपमानजनक है। इससे पहले ममता बनर्जी के इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी स्पष्टिकरण दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ममता बनर्जी की ओर से किए गए दावों को झूठा बताया।
10 राज्यों के प्रतिनिधि बैठक में नहीं हुए शामिल
नीति आयोग की बैठक में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री अनुपस्थित रहे। इनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी शामिल हैं।बैठक का एजेंडा 'विकसित भारत' था। नीति आयोग ने जीवन को आसान बनाने, पेयजल स्वच्छता और भूमि प्रबंधन पर विज़न डॉक्युमेंट प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने शून्य गरीबी की बात की, जिसका लक्ष्य गांवों को शून्य गरीबी घोषित करना है।