Nitish Kumar met PM Modi: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा की अगुवाई वाली NDA में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री मोदी से यह पहली मुलाकात थी। नीतीश कुमार ने दिल्ली में पीएम मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की।
नीतीश बोले- अब कहीं नहीं जाएंगे
नीतीश कुमार ने पाला बदलने के सवाल पर भी जवाब दिया। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग 1995 से बीजेपी के साथ हैं। नीतीश ने कहा कि बीच में दो बार हम इधर-उधर जरूर हुए थे, लेकिन अब कभी भी ऐसा नहीं होगा। अब वहीं रहेंगे। इधर-उधर नहीं होंगे। सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि अभी इस मुद्दे पर चर्चा करने का कोई तुक नहीं है। उन्हें (बीजेपी) को सब चीजें पहले से मालूम है।
#WATCH | Delhi | After meeting BJP chief JP Nadda, Bihar CM Nitish Kumar says, "We (BJP-JDU) were together since 1995. Beech mein 2 baar idhar udhar zaroor ho gaye theyy. Lekin ab kabhi nahi. Phir wahin rahenge, ab idhar udhar nahi honge."
— ANI (@ANI) February 7, 2024
On seat-sharing, he says, "There is no… pic.twitter.com/rxgFvRpyhL
बिहार विधानसभा मेें होगा फ्लोर टेस्ट पांच दिन बाद
नीतीश कुमार की पीएम मोदी, अमित शाह और नड्डा से मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। इसकी वजह यह है कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू- एनडीए गठबंधन सरकार को पांच दिन के बाद विधानसभा में विश्वास मत साबित करना है। नीतीश कुमार ने अपने आठ मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इनमें भाजपा के तीन और जेडीयू के तीन मंत्री शामिल हैं। जल्द ही बिहार में कैबिनेट विस्तार की भी योजना है।
सीट शेयरिंग जेडीयू-एनडीए अलाएंस के लिए होगी चुनौती
बीजेपी और जेडीयू को लोकसभा चुनाव के दौरान सीट शेयरिंग के दौरान कई पेचीदा मुद्दों से निपटना होगा। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा और जदयू ने बिहार में 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी(एलजेपी) को छह सीटें दी गईं थी। इस बार मामला अलग होगा, एलजेपी दो खेमों में बंट चुकी है। जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी एनडीए में शामिल हो चुकी है। इसलिए सभी सहयोगी दलों को लोकसभा चुनाव में कितनी सीटें दी जाएगी, यह तय करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
बिहार में खाली पड़ी हैं लोकसभा की छह सीटें
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार चाहते हैं कि बिहार विधानसभा भंग कर दिया जाए। ऐसा होने पर अप्रैल-मई में बिहार में लोकसभा की खाली सीटों पर होने वाले उपचुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं। हालांकि, बिहार भाजपा इसके पक्ष में नहीं है। बिहार विधानसभा में मौजूदा समय में बीजेपी नीतीश की पार्टी से मजबूत स्थिति में है। बता दें कि बिहार में लोकसभा की छह सीटें खाली हैं, इनके लिए उपचुनाव 27 फरवरी को होने वाला है।