Chunav 2024: लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जुबान फिर फिसल गई। नीतीश कुमार ने भरे मंच से सुझाव दे दिया कि उनकी इच्छा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से मुख्यमंत्री बनें। वे रविवार को अंतिम चरण के लिए राजधानी पटना में एनडीए की एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। बीजेपी की अगुआई में एनडीए ने लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
ये क्या बोल गए नीतीश कुमार, क्या उम्र का है असर?
- नीतीश कुमार ने कहा- "हमारी इच्छा है कि हम देशभर में 400 से अधिक सीटें जीतें और नरेंद्र मोदी जी फिर से मुख्यमंत्री बनें। देश का विकास हो, बिहार का विकास हो, सब कुछ हो। नरेंद्र मोदी को फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए। तब भारत का विकास होगा, बिहार का विकास होगा, सब कुछ होगा''।
- हालांकि, 73 वर्षीय सीएम नीतीश की फिसली जुबान को मंच पर मौजूद कुछ नेताओं ने पकड़ लिया। फिर उन्होंने खुद को सुधारते हुए कहा कि मेरा मतलब था कि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें और आगे बढ़ते रहें। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तो हैं ही। हम तो कह रहे हैं कि वो आगे बढ़ें। हम यही चाहते हैं।
कब-कब फिसली सीएम नीतीश कुमार की जुबान?
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी ही गलती पिछले दिनों एक और रैली में की थी। जब वे लोजपा नेता चिराग पासवान के लिए वोट मांगने गए थे। इस दौरान नीतीश ने बिहार के दिग्गज नेता दिवंगत राम विलास पासवान के लिए वोट मांग लिए थे। सीनियर पासवान का साल 2020 में निधन हो चुका है।
- एक अन्य जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नीतीश ने मंच से कहा था कि आप लोग एनडीए को 4 लाख सीटें जिताइए, फिर उन्होंने खुद को सुधारते हुए 4 हजार का आंकड़ा बोल दिया था। तब मोदी मंच पर बैठे उन्हें देखते रहे थे। फिर पीएम मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा कि आपने बहुत अच्छा भाषण दिया।
बिहार में लोकसभा चुनाव की कमान बीजेपी के हाथों में
बता दें कि 543 लोकसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान हो रहा है। नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। अब तक 486 सीटों के लिए मतदान प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए के अभियान की अगुवाई करते हुए बीजेपी ने बिहार में कमान अपने हाथ में ले ली है। पार्टी यहां की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जो नीतीश कुमार की जेडीयू के लिए अपनी पारंपरिक सहायक भूमिका से हटकर है।
बिहार में कैसा है लोकसभा का चुनावी माहौल?
भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहा है। 2019 के चुनाव में दोनों दलों ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान के गुट के साथ गतिरोध खत्म होने के साथ बीजेपी ने इस बार बिहार के चुनावी माहौल में स्थिति मजबूत कर ली है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामपंथी दलों समेत बिहार में विपक्षी गठबंधन (महागठबंधन) ने ऐलान किया है कि आरजेडी उसका सबसे बड़ा घटक 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगा।