No Detention Policy: तमिलनाडु का केंद्र का फैसला मानने से इनकार, कहा- लागू रखेंगे अपना शिक्षा मॉडल

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तमिलनाडु सरकार ने केंद्र की नो डिटेंशन पॉलिसी को मानने से इनकार कर दिया है। (फोटो- तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और शिक्षा मंत्री महेश पोय्यमोझी।
तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार के नो डिटेंशन पॉलिसी को मानने से इनकार कर दिया है। तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि हम अपना पुराना सिस्टम लागू रखेंगे।कक्षा 5 और 8 में नो डिटेंशन पॉलिसी जारी रहेगी। केंद्र का फैसला सिर्फ केंद्रीय स्कूलों पर लागू होगा।

No Detention Policy: केंद्र सरकार ने कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ (No Detention Policy) खत्म करने का फैसला लिया है। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने इस पॉलिसी को मानने से इनकार कर दिया है। तमिलनाडु सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्र की यह नीति राज्य में लागू नहीं होगी। शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यामोझी ने कहा है कि केंद्र सरकार की नीति राज्य के स्कूलों पर लागू नहीं होगी। ऐसा करने पर कमजोर वर्ग से आने वाले छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

राज्य का विशेष शिक्षा मॉडल रहेगा बरकरार
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वह राज्य में अपने विशेष शिक्षा मॉडल को जारी रखेगी। इसके तहत ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ जारी रहेगी। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपनी खुद की शिक्षा नीति (State Education Policy) तैयार कर रही है। इसके तहत छात्रों को बिना रोके अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। केंद्र का फैसला केवल केंद्रीय स्कूलों पर लागू होगा। तमिलनाडु के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पुरानी व्यवस्थाओं का ही पालन किया जाएगा।

'छात्र, शिक्षक और अभिभावक चिंता नहीं करें'
शिक्षा मंत्री पोय्यामोझी ने कहा कि इस फैसले से राज्य के स्कूलों के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मौजूदा प्रणाली जारी रहे। तमिलनाडु में यह नई नीति लागू नहीं होगी। किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर छात्र को शिक्षा पूरी करने का मौका मिले। खासकर ग्रामीण और कमजोर वर्ग के छात्रों का ध्यान रखा जाएगा।

केंद्र ने क्यों खत्म की 'नो डिटेंशन पॉलिसी'?
केंद्र सरकार ने हाल ही में 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया। अब कक्षा 5 और 8 के छात्रों को परीक्षा में असफल होने पर रोका जा सकता है। यह नियम केंद्रीय स्कूलों में लागू होगा। सरकार का मानना है कि यह कदम शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जरूरी है। शिक्षा विशेषज्ञों से विचार विमर्श करने और प्राइमरी लेवल पर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के मकसद से केंद्र सरकार ने यह पॉलिसी लागू की है।

तमिलनाडु करता रहा है केंद्र के फैसले का विरोध
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब तमिलनाडु ने केंद्र की किसी शिक्षा नीति का विरोध किया है। इससे पहले जब केंद्र ने NEET की शुरुआत की थी, उस समय भी तमिलनाडु सरकार ने इसका विरोध किया था। तमिलनाडु के सीएम स्टालिन कई बार NEET को खत्म कर प्रोफेशनल और तकनीकी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर चुके हैं।

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