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OBC SC-ST Reservation Update 2024: सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए ओबीसी, एससी, एसटी छात्रों को सामान्य सीटों पर भी प्रवेश देने की अनुमति दी है, जिससे आरक्षण प्रणाली में नया बदलाव हो सकता है।

OBC SC-ST Reservation Update 2024: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आरक्षण के मामले में एक बेहद अहम फैसला सुनाया। यह फैसला आरक्षित वर्ग के छात्रों को सामान्य वर्ग की सीटों पर दाखिला देने से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस निर्णय को रद्द कर दिया, जिसमें रिजर्वड कैटेगेरी के स्टूडेंट्स को जनरल कैटेगरी की सीटों पर शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला देने पर रोक लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ओबीसी (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के मेधावी छात्र सामान्य सीटों पर अपनी योग्यता के आधार पर प्रवेश पाने के पात्र हैं, तो उन्हें आरक्षित सीटों पर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। 

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की सदस्यता वाली बेंच ने यह फैसला दिया। यह फैसला राम नरेश उर्फ रिंकू कुशवाहा और अन्य द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) के फैसले के खिलाफ दाखिल की गई अपील पर सुनाया गया। पीठ ने कहा कि अगर ओबीसी, एससी, एसटी श्रेणी के छात्र सामान्य श्रेणी में प्रवेश पाने के योग्य हैं, तो उन्हें आरक्षित सीटों पर प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। मेरिट के आधार पर आरक्षण (Merit Based admission) देने के इस फैसले से आरक्षण व्यवस्था में एक नया बदलाव होने की बात कही जा रही है। 

जानें, क्याें सौरव यादव केस का सुप्रीम कोर्ट ने दिया हवाला
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में पुराने मामले का हवाला दिया। कोर्ट ने सौरव यादव और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के (Saurav Yadav case) केस का संदर्भ दिया। यह मामला मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस दाखिले (Medical college admission) से जुड़ा था। हाईकोर्ट ने आरक्षण नीति के तहत (Reservation policy) आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्रों को सामान्य श्रेणी में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था। इस फैसले के बाद अब आरक्षित वर्ग के मेधावी छात्रों को उनके योग्यता के आधार पर सामान्य सीटों पर भी प्रवेश मिल सकेगा।

मध्य प्रदेश में एमबीबीएस सीटों को लेकर है विवाद
यह मामला मध्य प्रदेश में एमबीबीएस सीटों (MBBS seats in MP) के आवंटन से जुड़ा है। एमपी के शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के नियमों (Education Admission Rules in MP) के मुताबिक 5 प्रतिशत सीटें सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए आरक्षित थीं। 2018 के मध्य प्रदेश शिक्षा प्रवेश नियमों के अनुसार, कई सीटें खाली रह गईं, जिन्हें सामान्य श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया गया। इस विवाद में आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्रों के लिए सामान्य सीटों पर प्रवेश की मांग की गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला छात्रों के पक्ष में
इस फैसले से छात्रों को बड़ा लाभ मिलेगा, खासकर उन मेधावी छात्रों को जो आरक्षित श्रेणी में आते हैं, लेकिन उनकी योग्यता उन्हें सामान्य सीटों पर भी प्रवेश दिला सकती है। राम नरेश कुशवाहा और दूसरे वादियों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, और अंततः उनके पक्ष में फैसला आया। इस फैसले ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है।

आरक्षण प्रणाली में होगा बदलाव
इस फैसले के बाद, आरक्षण प्रणाली (Reservation system) में एक नया आयाम जुड़ गया है। अब आरक्षित श्रेणी के मेधावी छात्रों को उनकी योग्यता के आधार पर सामान्य सीटों पर भी प्रवेश मिलेगा (Merit-based admission)। इससे इन छात्रों  की प्रतिभा का सही मूल्यांकन हो सकेगा। यह फैसला न केवल आरक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए, बल्कि पूरे शिक्षा प्रणाली के लिए एक अहम कदम साबित होगा। 

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