Om Mathur Exclusive: छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव खत्म हो गए। मतदान हो गया, मतगणना भी हो गई। मतगणना के परिणाम भी आ गए हैं। लेकिन अभी अंतिम चुनाव बाकी है। वो चुनाव मुख्यमंत्री के चेहरे का है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा, जबरदस्त परिणाम आया। ये करिश्मा कैसे हुआ? ये एक बड़ा सवाल है। इस करिश्मे का जो महानायक है, वो आज हमारे सामने है। उन्हें भाजपा ने एक साल पहले छत्तीसगढ़ भेजा था। वे भाजपा के एक ऐसे इकलौते नेता हैं, जो प्रदेश प्रभारी के साथ-साथ चुनाव प्रभारी भी रहे। उस करिश्माई महानायक का नाम ओम माथुर, जिनका इतिहास और सफलता के एक-दूसरे के पर्याय हैं।
हरिभूमि और inh24X7 के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने छत्तीसगढ़ के प्रभारी ओम माथुर से कई तीखे सवाल किए। जिनका भाजपा नेता ने बेबाकी से जवाब दिया। पढ़िए Exclusive Interview
सवाल: आपका इतिहास छत्तीसगढ़ में भी वर्तमान बना?
ओम माथुर: ये मेरे इतिहास या वर्तमान की बात नहीं है। छत्तीसगढ़ की जीत भाजपा के हर कार्यकर्ता की मेहनत का परिणाम है। पीएम मोदी ने तमाम गरीब कल्याण योजनाएं दीं। उन्होंने 2014 में पहले भाषण में कहा था कि इस देश का समुचित विकास नहीं हुआ। उन्होंने गरीब, किसान, मजदूर, महिलाओं सभी वर्ग के विकास की बात की। सबका साथ-सबका विकास का नारा दिया। जनता को भी एक आस जगी। 2018 में भूपेश बघेल को 5 साल की सरकार मिली। लेकिन उन्होंने सिर्फ स्वयं के लिए सोचा। भूपेश बघेल से समाज खुश नहीं था, जिसका हमें लाभ मिला।
सवाल: 2014 में मोदीजी आए, उसके 4 साल बाद छत्तीसगढ़ आपके हाथ से निकल गया?
ओम माथुर: उस समय कहीं न कहीं हमारी भूलें रही होंगी। मेरा सीधा कहना है कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली, उसे पूरा करना है। मैं पुरानी बातों को याद नहीं करता। हम हर जगह पहुंचे। 8 लाख फार्म भरवाए। सोचिए कार्यकर्ता ने कितना परिश्रम किया।
सवाल: महतारी वंदन या मोर आवास, कौन सा फार्म ज्यादा काम आया?
ओम माथुर: सभी काम आए। एक फार्मूले से जीत नहीं मिलती। फार्म भराने के पीछे मकसद था कि हमारा कार्यकर्ता ग्राउंड तक पहुंचे। इसके पीछे एक काउंटिंग भी होती है कि हमारा कार्यकर्ता ग्राउंड तक पहुंच रहा है या नहीं। हमने भूपेश बघेल के भ्रष्टाचार को भी उजागर किया।
सवाल: किसानों की धान खरीदी के संबंध में 2018 में जो नीति अपनाई थी, उसमें 2023 में बदलाव किया और जनता ने आपको सिर आंखों पर बिठा लिया?
ओम माथुर: सिर्फ धान खरीदी नीति से हमारी सरकार नहीं गई थी। हर एक काम का योगदान होता है। किसी एक चीज को जीत का श्रेय भी नहीं दिया जा सकता है। जो युवा कभी सोचता था कि हमारा देश विश्व गुरु था। उसने पीएम मोदी के काम पर भरोसा किया। आज एक किसान के पास 6 हजार रुपए सीधे उसके खाते में गया। कभी राजीव गांधी के समय एक रुपया दिल्ली से चलता था तो चवन्नी लोगों तक पहुंचता था।
सवाल: अगर धान इतना महत्वपूर्ण नहीं था तो ये 25 तारीख को सुशासन दिवस पर बांटने क्यों जा रहे हैं?
ओम माथुर: महत्वपूर्ण सब था। सिर्फ धान की वजह से नहीं हारे थे।
सवाल: भूपेश बघेल से कांग्रेस का भरोसा डिगा, क्या इससे आपको मदद मिली?
ओम माथुर: हमारा होम वर्क, हमारी मेहनत थी कि कांग्रेस को डिफेंस में आना पड़ा। पहले सीएम भूपेश बघेल ने खुद का भरोसा मांगा, लेकिन जब उन्हें लगा कि ये नहीं चलने वाला तो कांग्रेस का भरोसा मांगने लगे। लेकिन जनता ने भाजपा पर भरोसा किया।
सवाल: यहां वोटिंग 7 और 17 नवंबर को थी, इस बीच आपने समय कहां काटा?
ओम माथुर: मैं राजस्थान चला गया था। वहां 40 सीटों पर घूमा। 30 सीटों पर जीत मिली है। ये पहली बार नहीं है। वोटिंग के बाद कुछ लोग थकान दूर करने लगे। कुछ काम धंधे में लग गए।
सवाल: माथुर जी छत्तीसगढ़ में शपथ दिलाएंगे या राजस्थान में सीएम पद की शपथ लेंगे?
ओम माथुर: मैं खुद को सदैव पार्टी का कार्यकर्ता मानता हूं। मुझे जो दायित्व मिलेगा, वह करता रहूंगा। राष्ट्रीय नेतृत्व जो जिम्मेदारी देगी, उसे स्वीकार करूंगा।
सवाल: कार्यकर्ता खुद को मानते हैं, लेकिन तेवर नेतृत्वकर्ता के हैं?
ओम माथुर: मैं गांव का जमीनी आदमी हूं। आज भी मेरे गांव में 680 वोट हैं। मैं गांव में पला बढ़ा हूं। मेरा परिवारिक बैकग्राउंड, डीएनए ऐसा है कि तेवर ऐसा है।
सवाल: छत्तीसगढ़ का सीएम कौन बनेगा?
ओम माथुर: बिल्कुल नया नाम होगा। एकदम नया नाम होगा। पार्लियामेंट बोर्ड चौंकाने वाला नाम तय करेगा।
सवाल: जो जीत आपके हिस्से में आई है, उससे उलझन बढ़ी है या कम की है?
ओम माथुर: ऐसी जीत कई बार देखी है। हार भी देखी है। मुझे कोई उलझन नहीं है। सबसे ज्यादा वोट शेयर और सीट मिली है। यह सबकुछ कार्यकर्ताओं की मेहनत और पीएम मोदी के नेतृत्व की बदौलत मिला है।
सवाल: आदिवासी वर्ग को महत्व देने की बात कही जाती है? आगे क्या होगा?
ओम माथुर: निश्चित रुप से जो कहा है, उसे करके दिखाएंगे।
सवाल: इस जीत के बाद कोई दायित्वबोध भी आ रहा होगा आपके मन में?
ओम माथुर: मैं चाहता हूं छत्तीसगढ़ विकास के नए आयाम गढ़े। मैं चाहता हूं कि संगठन भी मजबूत हो। जनता ने जो आशीर्वाद दिया है, उस पर हम खरे उतरें। यहां माइंस और मिनिरल्स का भंडार है, उसका सदुपयोग हो। मेरे मन की अपेक्षा यही है कि छत्तीसगढ़ को देश के नक्शे पर उन्नत पर ले जाया जाए।