Operation Blue Star 40th Anniversary: ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी के मौके पर गुरुवार 6 जून को पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में खालिस्तानी नारे लगाए गए। इस मौके पर गोल्डन टेंपल में उमड़ी भारी भीड़ ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लहराए। भीड़ ने तलवारें लहराते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। यह सारा हंगामा ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर गोल्डन टेंपल में हो रहे आयोजन के दौरान हुआ।
चुनाव में खालिस्तान समर्थकों की जीत
लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पंजाब में दो खालिस्तान समर्थकों की रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की है। इनमें असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या में शामिल बेअंत सिंह का बेटा सर्बजीत सिंह खालसा शामिल हैं।गोल्डन टेंपल में आयोजित इस कार्यक्रम में अमृतपाल सिंह की मां भी पहुंची।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष भी मौजूद
इसके साथ ही फरीदकोट से सांसद चुने गए खालिस्तान समर्थक सर्बजीत खालसा भी शामिल हुए। हालांकि, अमृतपाल की मां बलविंदर कौर कुछ देर रुकने के बाद वहां से चली गईं, लेकिन सांसद सर्बजीत खालसा गोल्डन टेंपल में ही हैं। नारेबाजी करने वाली भीड़ में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान भी नजर आए। मान भी हाथ में भिंडरावाले का पोस्टर लिए खालिस्तानी समर्थक नारे लगाते हुए दिखे।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
पंजाब के मौजूदा हालात को देखते हुए पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां चौकन्नी हैं। गोल्डन टेंपल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अमृतसर के अलावा बठिंडा के तलवंडी साबो में भी सुरक्षा एजेंसियों का अलर्ट है। हालांकि, फिलहाल कहीं से किसी भी बड़ी घटना की खबर नहीं है। सुबह से ही अमृतसर में गोल्डन टेंपल के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं और स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।
गोल्डन टेंपल के बाहर की गई बैरिकेडिंग
गोल्डन टेंपल के बाहर बैरिकेडिंग की गई है। अमृतसर के एसएसपी रंधावा सिंह ने कहा कि यहां पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। मंदिर के बाहर हमने बैरिकेडिंग कर दी है। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं ताकि किसी प्रकार की कोई भी अप्रिय घटना नहीं है।
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार ?
- ऑपरेशन ब्लू स्टार पीएम इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा गोल्डन टेंपल को जरनैल सिंह भिंडरावाले और हथियारबंद समर्थकों से खाली कराने के लिए शुरू किया गया सैन्य अभियान था। यह ऑपरेशन 1 से 10 जून 1984 के बीच चलाया गया था। इस दौरान 1 से 3 जून तक पंजाब में रेल, सड़क और हवाई सेवाएं बंद कर दी गईं थी। गोल्डन टेंपल को पानी और बिजली की सप्लाई रोक दी गई। अमृतसर में कर्फ्यू लगा दिया गया और CRPF सड़कों पर गश्त करने लगी।
- 5 जून को राज 10:30 बजे ऑपरेशन का पहला चरण शुरू हुआ। गोल्डन टेंपल परिसर के अंदर की इमारतों पर आगे से हमला किया गया। इस दौरान खालिस्तानी आतंकियों ने भी सेना पर भारी गोलीबारी की। 6 जून को जनरल के एस बराड़ ने टैंकों की मांग की। टैंक परिक्रमा पथ तक सीढ़ियों से नीचे लाए गए। गोलीबारी में अकाल तख्त को भारी नुकसान हुआ और कुछ घंटों बाद भिंडरावाले और उसके कमांडरों के शव बरामद हुए। 7 जून को भारतीय सेना ने परिसर पर नियंत्रण कर लिया। ऑपरेशन ब्लू स्टार 10 जून 1984 को समाप्त हुआ।
ऑपरेशन में 83 जवान शहीद हुए और 249 घायल हो गए।
सरकार के अनुसार, हमले में 493 आतंकवादी और नागरिक मारे गए, जबकि सिख संगठनों का दावा है कि कम से कम 3,000 लोग मारे गए थे। इस ऑपरेशन में 83 जवान शहीद हुए थे और 249 जवान घायल हो गए थे। ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर गोल्डन टेंपल में खालिस्तानी नारों और तलवारों का लहराना पंजाब में एक बार फिर तनाव बढ़ा सकता है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह समय सावधानी और सतर्कता का है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।