पर्दाफाश : भारत में शर्मा बनकर 10 साल से रह रहा था पाकिस्तान का मुस्लिम परिवार, ऐसे दबोचा गया

Pakistani Muslim family: पाकिस्तान का मुस्लिम परिवार बेंगलुरु के राजपुरा गांव में शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा बनकर रह रहा था। चेन्नई एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारियों की सूझबूझ से इनको पकड़ा गया है।;

Update:2024-10-01 21:59 IST
भारत में शर्मा बनकर 10 साल से रह रहा था पाकिस्तान का मुस्लिम परिवार, ऐसे दबोचा गया।Pakistani Muslim family living in Bengaluru as Sharmas for last 10 years, arrested
  • whatsapp icon

बेंगलुरू में पाकिस्तान का एक मुस्लिम (सिद्धिकि) परिवार शर्मा बनकार पिछले 10 साल से भारत में रह रहा था। आखिरकार सुरक्षा अधिकारियों ने इस परिवार के 4 पाकिस्तानियों को 30 सितंबर को गिरफ्तार किया है। इनके असली नाम राशिद अली सिद्दीकी (47), आयशा (38), हानिफ मोहम्मद (73) और रुबीना (61) हैं।

ये लोग बेंगलुरु के राजपुरा गांव में शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा नाम से रह रहे थे। चेन्नई एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारियों की सूझबूझ से इन शातिर लोगों को पकड़ा गया है। इस मामले में अब तक आठ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और सभी ने अपना के आखिर में शर्मा लगा रखा था।

यह भी पढ़ें: Fugitive Zakir Naik: भारत के भगौड़े जाकिर नाइक को पाकिस्तान में शाही दावत, मंत्री-अफसरों ने किया रेड कारपेट वेलकम

राशिद अली सिद्दीक़ी उर्फ शंकर शर्मा, उसकी पत्नी आयशा उर्फ आशा शर्मा, आयशा के पिता हनीफ उर्फ राम बाबू शर्मा और मां रूबीना उर्फ रानी शर्मा, पिछले 6 सालों से बेंगलुरु में रह रहे थे। सभी ने फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड बनवा रका था। कर्नाटक सेंट्रल जोन के आईजी लाबू राम ने बताया कि इन लोगों ने फर्जी पासपोर्ट और दूसरे डॉक्यूमेंट्स बनवा रखा है। इस दस्तावेजों को कहां से बनवाया गया है और किसने बनाया है? इसके बारे नें हम जांच कर रहे हैं। इनके चार साथी चेन्नई एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारियों के हत्थे चढ़े थे। इसने पूछताछ में जिगनी के इस फर्जी शर्मा परिवार का पता चला है। 

सुरक्षा एजेंसी की जांच से पता चला कि राशिद अली सिद्दीक़ी उर्फ शंकर शर्मा को पाकिस्तान से भागना पड़ा था, क्योंकि वो विवादास्पद सूफी कल्ट मेहदी फाउंडेशन से जुड़ा था। इसका संस्थापक यूनुस गौहर इंग्लैंड में निर्वासित जीवन बिता रहा है। विवादास्पद मेहदी फाउंडेशन की मदद से राशिद उर्फ शंकर शर्मा की शादी आयशा से 2011 में बांग्लादेश में ऑनलाइन हुई थी। इसके बाद वो बांग्लादेश गया, वहां से चारों लोग पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंचे। वहां से दिल्ली आए, जहां फर्जी दस्तावेज तैयार कराए गए। साल 2018 में ये लोग दिल्ली से बेंगलुरु मेंहदी फाउंडेशन की मदद से पहुंचे। इन लोगों का कहना है कि वो अपने गुरु यूनुस गौहर का ज्ञान लोगो में बांट रहे थे। 

घर से मिले संदिग्ध सामान 
बेंगलुरु पुलिस को शक है कि ये लोग किसी आतंकी संगठन के स्लीपर सेल हो सकते हैं, जो देश भर से खुफिया जानकारी जुटाने में लिप्त हो सकते हैं। पुलिस को इनके घर से कैमरा, कंप्यूटर और बहुत से दूसरे समान मिले हैं, जिसकी जांच चल रही है। बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने कहा कि हम राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा को लेकर सचेत हैं। केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ हम समन्वय के साथ काम करते हैं और लगातार जरूरी कदम उठा रहे हैं। 

ऐसे में सवाल उठता है कि इस पाकिस्तानी मेहदी फाउंडेशन के कितने लोग भारत में फर्जी नामों से रह रहे हैं। पिछले एक दशक से ये पाकिस्तानी भारत में रह रहे थे, लेकिन चेन्नई एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन के अधिकारियों की मुस्तादी की वजह से इस पूरे मामले का पता चला हैं। 

यह भी पढ़ें : PM Modi in Palwal: 'कांग्रेस की नस-नस में भ्रष्टाचार है, ये दामादों की पार्टी', पलवल में बोले PM मोदी 

Similar News