Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के हुए पूर्व सांसद पप्पू यादव, 9 साल पुरानी अपनी जन अधिकार पार्टी का भी विलय कराया

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे के लिए भी INDI अलायंस में शामिल पार्टियों के बीच चर्चा जारी है। अब इसमें पप्पू यादव भी शामिल हो गए हैं।  ;

Update:2024-03-20 16:55 IST
Pappu Yadav CongressPappu Yadav Congress
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के कद्दावर नेता पप्पू यादव ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। बुधवार को दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी के कांग्रेस में विलय का भी ऐलान कर दिया। पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सम्मान करता हूं। मेरी पार्टी समरस, न्याय और सेवा के लिए जानी जाती थी। कांग्रेस ने जिस तरह से नफरत के खिलाफ काम किया, मुझे भी उसमें विश्वास है। राहुल गांधी देश के भविष्य हैं, उन्हें प्रधानमंत्री बनाना हमारा लक्ष्य है। आज से आजीवन कांग्रेसी रहूंगा। 

कांग्रेस में शामिल होने से पहले पप्पू यादव ने मंगलवार शाम को आरजेडी नेता लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। तीनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर लंबी चर्चा हुई थी। पप्पू यादव पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। 

इस विलय में राजनीति बदलने की ताकत: कांग्रेस
कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि हरियाणा और राजस्थान में दो मौजूदा सांसदों ने ज्वाइन किया। तेलंगाना में ऐसे-ऐसे नेता अपनी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आ रहे हैं, जो एक तरह से पार्टी के संस्थापक थे। आज सु्बह आपने देखा की बीजेपी के सचेतक ने कांग्रेस का दामन थामा। जन अधिकार पार्टी' और पप्पू यादव जी किसी भी परिचय के मोहताज नहीं हैं। पप्पू यादव जी एक कद्दावर नेता हैं। वे आज कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व, नीतियों और दिशा से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। वे 'जन अधिकार पार्टी' का भी कांग्रेस में विलय कर रहे हैं। ये विलय साधारण नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक है। इसमें हमारे देश और प्रदेश की राजनीति को बदलने की ताकत है।

कौन हैं पप्पू यादव? 
पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बिहार की राजनीति का जाना पहचाना नाम हैं। उनका जन्म 1967 में मधेपुरा जिले में हुआ। पढ़ाई के लिए पूर्णिया आ गए। 1990 में पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए। इसके बाद पप्पू यादव ने 1991, 1996, 1999, 2004 और 2014 में लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी। फिर 2015 में उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी बनाई। पप्पू यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन कोई सीट नहीं मिली। 2019 में पप्पू ने मधेपुरा से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस बार उन्होंने पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उनकी पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस नेता हैं और राज्यसभा सांसद हैं। अब पत्नी की तरह पप्पू यादव भी कांग्रेसी हो चुके हैं। 

INDI अलायंस में आ सकते हैं पशुपति पारस
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री पद छोड़ने वाले पशुपति पारस भी INDI गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। वे किस पार्टी में जाएंगे, फिलहाल यह साफ नहीं है। पशुपति चिराग पासवान को एनडीए गठबंधन में बिहार की 5 लोकसभा सीटें देने से नाराज हैं। इसी के चलते मंगलवार को उन्होंने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वे दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा हैं। रामविलास के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी दो धड़ों में बंट गई थी। एक धड़ा पारस और दूसरा चिराग के साथ है।

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