Parliament Security Breach Lalit Jha Remand: दिल्ली कोर्ट ने शुक्रवार को संसद की सुरक्षा में चूक  मामले के छठे आरोपी ललित मोहन झा की हिरासत रिमांड 5 जनवरी तक बढ़ा दी है। ललित झा को 14 दिसंबर को संसद की सुरक्षा घेरा तोड़े जाने के एक दिन बाद  गिरफ्तार किया गया था। उसने 15 दिसंबर की रात दिल्ली के कर्तव्यपथ थाने में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

ललित झा ने पुलिस के सामने किया था सरेंडर

ललित ने एक अन्य आरोपी महेश शर्मा के साथ सरेंडर किया था। ललित को इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उसने घटना का वीडियो बनाया और उसे इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था। ललित ने यह वीडियो कोलकाता के एक NGO को भी भेजा था। उसने मीडिया कवरेज हासिल करने के लिए ऐसा किया था। संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को अंजाम देने के बाद वह भाग गया था। भागने से पहले वह अपने सभी साथियों के मोबाइल भी ले गया था। जिन्हें उसने जला दिया, ताकि सबूत पुलिस के हाथ न लग सके।


मामले में अब तक हो चुकी है 8  गिरफ्तारियां
संसद की सुरक्षा चूक मामले में हिरासत में लिए गए शामिल आरोपियों में (मनोरंजन और सागर शर्मा), संसद परिसर के बाहर गड़बड़ी करने वाले (अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद), ललित झा (मास्टरमाइंड ), और महेश कुमावत (कथित तौर पर ललित झा की सहायता करने वाला) और साईकृष्णा और अतुल कुलश्रेष्ठ शामिल हैं। 

दिल्ली पुलिस को पहले मिली थी 5 दिन की कस्टडी
संसद की सुरक्षा चूक मामले के सभी आरोपियों को 15 जनवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था।  इससे पहले कोर्ट के सामने अन्य चार आरोपी सागर शर्मा, डी मनोरंजन, नीलम देवी और अमोल शिंदे की भी पेशी हुई थी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इन सभी आरोपियों की सात दिन की कस्टडी दी थी। शुक्रवार को कस्टडी की अवधि पूरा होने पर ललित झा को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट ले जाया गया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की दलीलों पर गौर करने के बाद उसकी हिरासत 15 दिन बढ़ा दी। 
दो आरोपियों को एक दिन पहले लिया गया हिरासत में
इस मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी एक दिन पहले यानी कि गुरुवार को हुई थी। एक आरोपी साइकृष्णा जगाली को कर्नाटक के बागलकोट से गिरफ्तार किया था। जगाली कर्नाटक पुलिस के रिटायर्ड डीएसपी का बेटा और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उसके मामले में पहले गिरफ्तारआरोपी मनोरंजन के साथ लिंक पाए गए थे। वहीं, दूसरे आरोपी अतुल कुलश्रेष्ठ को उत्तरप्रदेश के जालौन से हिरासत में लिया गया । अतुल की कोई आपराधिक या राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। भगत सिंह की विचारधाराओं में अतुल की गहरी रुचि है।