Parliament Security Breach: देश 22 साल पहले संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा था। लेकिन इसी दिन तमाम सुरक्षा इंतजामों के बीच लोकसभा में कुछ ऐसा हुआ, जिससे लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं। आइए सांसदों की आपबीती से समझते हैं कि यह सब कैसे हुआ?
मलूक नागर (बसपा सांसद, बिजनौर):
एक न्यूज चैनल से चर्चा में कहा, ''शून्य काल पूरा होने में 5 मिनट शेष थे। तभी मेरे पीछे से किसी के गिरने या कूदने जैसी आवाज आई। मैंने पीछे देखा तो एक के बाद एक दो युवक विजिटर गैलरी से कूदकर सदन के गरियारे में आ चुके थे। एक युवक डाइस पर कूदते हुए आगे बढ़ने लगा। तभी मैंने और कुछ साथी सांसदों ने उसे पकड़ने की कोशिश की। उसने जूता निकाल लिया। हमें लगा कि ये जूते से मारेगा। फिर लगा कि कहीं सिरफिरा युवक कोई हथियार निकाल कर हमला न कर दे। फिर हमने बिना वक्त गंवाए उसे तुरंत दबोच लिया। इसी दौरान एक युवक ने कुछ स्प्रे किया और पीले रंग का धुआं सदन फैल गया। सांसद मुंह पर कपड़ा ढक कर इधर-उधर भागने लगे। इसी बीच वहां सिक्योरिटी भी आ गई और दोनों युवकों को वहां से ले गई।'' सांसद मलूक नागर के मुताबिक, सदन में चीख-पुकार के बीच हमें तानाशाही नहीं चलेगी के नारे सुनाई दिए।
दानिश अली (बसपा सांसद, अमरोहा):
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा में अफरा-तफरी मचाने वाले आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन की कुछ सांसदों ने पिटाई भी की। सांसद दानिश अली ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों को दोनों युवकों की जेब में विजिटर पास मिले हैं। यह पास मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के नाम पर बतौर विजिटर उन्हें जारी किए गए थे। चाहे किसी भी मेंबर की ओर से पास जारी हों, लेकिन किसी भी दर्शक को अंदर जाने के लिए 5 स्तरीय सुरक्षा घेरे से गुजरना पड़ता है।
एक युवक और महिला सदन के बाहर भी पकड़े गए
लोकसभा के अंदर हंगामा करने वाले युवकों के दो साथ संसद परिसर में मौजूद थे। उन्होंने भी पीले रंग के धुएं वाला स्प्रे किया। इनमें एक महिला है। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर स्क्वायड तीनों युवकों और महिला से पूछताछ कर रही है।
संसद भवन पर 22 साल पहले हुआ था हमला
पाकिस्तानी आतंकवादियों ने लोकतंत्र के मंदिर कही जाने वाली भारतीय संसद भवन में 13 दिसंबर 2001 को योजनाबद्ध तरीके से अटैक किया था। उस दिन भी सदन की कार्यवाही चल रही थी और कई मंत्री व सांसद भवन में मौजूद थे। इस आतंकी हमले में 9 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 5 आतंकी मारे गए थे। बुधवार को संसद पर हमले की 22वीं बरसी थी।