संसद सत्र: NEET पेपर लीक पर दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव लाएगा विपक्ष, इंडिया गुट ने बैठक में बनाई रणनीति

Parliament Session: संसद के विशेष सत्र के दौरान विपक्षी इंडिया गुट ने सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस की अगुआई में विपक्ष शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में एनईईटी (NEET) पेपर लीक और परीक्षाओं में गड़बड़ियों के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की एक बैठक में गुरुवार को यह फैसला लिया गया। इसमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे समेत अन्य नेता शामिल रहे।
शुक्रवार (28 जून) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा होगी। इस दौरान विपक्ष नीट, महंगाई, बेरोजगारी, सीबीआई, ईडी और राज्यपाल कार्यालय के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाएगा। साथ ही विपक्ष के सांसद सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा पर जुटेंगे।
सदन में सभी मुद्दों पर बहस होगी: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इंडिया गुट की मीटिंग के बाद बताया कि आज बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। संसद में सभी मुद्दों पर बहस होगी, चाहे राष्ट्रपति का अभिभाषण हो या स्पीकर का चुनाव। डीएमके सांसद टी शिवा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि हम शुक्रवार को नीट मुद्दे पर (संसद में) नोटिस देंगे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध
- बता दें कि नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार मेडिकल परीक्षा (नीट) में अनियमितताओं के आरोप और यूजीसी-नेट, सीएसआईआर यूजीसी-नेट और एनईईटी-पीजी परीक्षाओं को रद्द करने को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र के संबोधन में कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है।
- राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- चाहे प्रतियोगी परीक्षाएं हों या सरकारी भर्ती, किसी भी रुकवाट का कारण नहीं होना चाहिए। इस प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता और ईमानदारी जरूरी है। कुछ परीक्षाओं में पेपर लीक के हालिया मामले में मेरी सरकार निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
खड़गे बोले- जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती मोदी सरकार
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा- हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए, सिर्फ ऐसा बोलकर मोदी सरकार जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है। देश के युवा न्याय मांग रहे हैं। शिक्षा मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। देश में हर दूसरा युवा बेरोजगार है और इस भाषण में बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस नीति सामने नहीं आई।
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