Pawan Kalyan penance: आंध्र प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर पवन कल्याण ने तिरुपति मंदिर में लड्डूओं के कथित मिलावट के मुद्दे पर 11 दिन की प्रायश्चित्त दीक्षा ली है। बुधवार को पवन कल्याण ने पैदल तिरुमला पहुंचकर भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन किए। उनका यह कदम केवल एक प्रसाद विवाद नहीं है, बल्कि इसे सनातन धर्म की रक्षा के आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है।
पवन कल्याण बोले- सनातन धर्म की रक्षा जरूरी
पवन कल्याण ने तिरुमला जाने से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि लड्डू विवाद केवल एक बहाना है, असल मुद्दा सनातन धर्म की रक्षा है। उन्होंने इसे "प्रायश्चित्त दीक्षा" कहा, जो सनातन धर्म की रक्षा और इसके महत्व को उजागर करने का प्रयास है।
#WATCH | Tirupati: Andhra Pradesh Deputy CM Pawan Kalyan undertook Tirumala padayatra from Padmavati Guest House to Alipiri footsteps today. pic.twitter.com/YoNWEC2KNE
— ANI (@ANI) October 1, 2024
तिरुपति लड्डू विवाद: क्या है मामला?
तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में कथित रूप से पशु वसा मिलाने का आरोप लगाया गया है। पवन कल्याण ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह मंदिर की पवित्रता को भंग करने का प्रयास है। उनका आरोप है कि ये सब पिछले YSRCP सरकार के कार्यकाल में हुआ।
तिरुमला मंदिर में कई अनैतिक काम हुए
पवन कल्याण का आरोप है कि YSRCP सरकार के दौरान तिरुमला मंदिर में कई अनैतिक कार्य किए गए। उन्होंने इसे एक राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए कहा कि इस पर एक बहस होनी चाहिए और एक स्थायी समाधान की जरूरत है। इस विवाद के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन की घोषणा की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में डाल दिया। अब यह मामला अटका हुआ है और मंदिर की पवित्रता पर सवाल उठ रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ले लगाया पवित्रता का हनन आरोप
TDP नेता चंद्रबाबू नायडू ने YSRCP सरकार पर तिरुपति मंदिर की पवित्रता को भंग करने का आरोप लगाया था। उनका दावा था कि लड्डुओं में मिलावट के जरिए मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाया गया। पवन कल्याण ने अपने आंदोलन के अंतिम दिन कहा कि तिरुपति मंदिर के मुद्दों का स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने एक रोडमैप जारी करने की भी घोषणा की, जिससे इस तरह के विवादों को भविष्य में रोका जा सके।