Rohini Godbole Death: प्रख्यात भौतिकीविद डॉ. रोहिणी गोडबोले का निधन; PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, विज्ञान जगत में शोक

Rohini Godbole Death
X
Rohini Godbole Death
Rohini Godbole Death: प्रख्यात भौतिकीविद और पद्मश्री से सम्मानित प्रोफेसर रोहिणी एम गोडबोले का शुक्रवार (25 अक्टूबर) को निधन हो गया। वह 71 साल की थीं। उनके निधन से विज्ञान जगत में गहरा शोक है।

Rohini Godbole Death: भारतीय भौतिकीविद और और पद्मश्री से सम्मानित प्रोफेसर डॉ. रोहिणी गोडबोले का शुक्रवार (25 अक्टूबर) को निधन हो गया। वह 71 साल की थीं। उनके निधन से विज्ञान जगत में गहरा शोक है। डॉ. गोडबोले ने अपने जीवनकाल में भौतिकी के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिए और उनका नाम भारत की विज्ञान जगत में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उनके कई विद्यार्थियों एवं सहयोगियों ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

पीएम मोदी ने एक्स पर दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए रोहिणी गोडबोले के निधन पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि उनके निधन से बहुत दुःख हुआ। वह एक अग्रणी वैज्ञानिक और नवोन्मेषक थीं, जो विज्ञान की दुनिया में अधिक महिलाओं की वकालत करती थीं। उनके शैक्षणिक प्रयास आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।

भौतिकी के क्षेत्र में अहम योगदान
डॉ. गोडबोले ने उच्च ऊर्जा भौतिकी के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित किया और भारतीय विज्ञान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने न केवल अपनी शोध से विज्ञान जगत को समृद्ध किया, बल्कि अपने शैक्षिक योगदान से युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित भी किया। उनके नेतृत्व में कई शोध परियोजनाएं सफल रहीं, जिनसे भारत के विज्ञान क्षेत्र को दिशा मिली।

भौतिकी के लिए भी बहुत बड़ी क्षति- IIT कानपुर प्रोफेसर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (कानपुर) के ‘थ्योरिटकल फिजिक्स’ के प्रोफेसर जयदीप चक्रवर्ती ने ‘एक्स’ पर लिखा कि यह न केवल एचईपी समुदाय के लिए बल्कि भौतिकी के लिए भी बहुत बड़ी क्षति है...उन्हें एक महान भौतिकीविद और एक शिक्षक के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने युवाओं को अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से हुई थी सम्मानित
डॉ. रोहिणी गोडबोले को भौतिकी के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनकी रिसर्च ने भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक विशेष स्थान दिलाया। उनकी किताबें और शोधपत्र विज्ञान जगत में एक महत्वपूर्ण संदर्भ मानी जाती हैं।

विज्ञान जगत में अपूरणीय क्षति
डॉ. गोडबोले के निधन से न केवल भारतीय वैज्ञानिक समुदाय बल्कि पूरे विश्व के विज्ञान प्रेमियों को गहरा धक्का लगा है। उनके साथ काम करने वाले सहकर्मी और विद्यार्थी उनकी सरलता, विद्वता और नेतृत्व क्षमता को याद करते हैं। वे हमेशा वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति समर्पित रहीं और नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्रेरणा देती रहीं।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story