Piyush Goyal on E-Commerce: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार 22 अगस्त को कहा कि सरकार ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं है, बल्कि ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यापार के बीच सही कंपटीशन चाहती है। गोयल ने मुंबई में एक इंडस्ट्री इवेंट में कहा कि सरकार एफडीआई (FDI) इनवाइट करना चाहती है। हालांकि, इसके साथ सही और ईमानदार कंपटीशन सुनिश्चित करना भी जरूरी है। गोयल ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के कई फायदें हैं, जैसे कि तेजी से घर बैठे खरीदारी करने की सुविधा मिल जाती है।
अमेजन की आलोचना के बाद आई सफाई
बता दें कि पीयूष गोयल ने एक दिन पहले ही ई-कॉमर्स (E-Commerce) वेबसाइट अमेजन ( Amazon )जैसे ई-कॉमर्स दिग्गजों पर प्रिडेटरी प्राइसिंग (Predatory Pricing) का आरोप लगाया था। गोयल ने कहा था कि ई-कॉमर्स का तेजी से बढ़ना चिंता की बात है। इससे ट्रेडिशनल रिटेल बिजनेस में रोजगार के मौके कम हो सकते हैं। गोयल ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स छोटे व्यापारियों की बाजार हिस्सेदारी कम कर रहे हैं। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और गारमेंट्स जैसे हाई मार्जिन प्रोडक्ट्स पर भारी छूट देने की वजह से छोटे व्यापारियों के लिए मौके कम हो रहे हैं।
'सरकार चाहती है बिजनेस में एक संतुलित माहौल हो'
पीयूष गोयल ने साफ तौर पर कहा कि किया कि सरकार ऑनलाइन कारोबार के खिलाफ नहीं है। बस सरकार एक संतुलित और निष्पक्ष (fair competition) व्यापारिक माहौल चाहती है। । उन्होंने कहा कि सरकार एफडीआई और नई तकनीकों को देश में आमंत्रित करना चाहती है। साथ ही साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि इससे पारंपरिक खुदरा व्यापार को नुकसान नहीं पहुंचे। केंद्रीय उद्याेग मंत्री कहा कि सही और ईमानदार कंपटीशन से ही देश की इकोनॉमी को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।
भारत में बेहद तेजी से बढ़ रहा ई -कॉमर्स सेक्टर
भारत में ई-कॉमर्स सेक्टर की वृद्धि दर 2018 से 2030 के बीच 27% तक पहुंचने की संभावना है। पहले इंडिया फाउंडेशन की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स से देश में 1.6 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं। हालांकि, गोयल ने इवेंट के दौरान इस बात के लिए चेताया कि अगर ई-कॉमर्स सेक्टर तेजी से बढ़ता है आने वाले वक्त में देश में रोजगार के मौके कम कर सकता है।
ई-कॉमर्स कंपनियों की रणनीतियाें पर उठाए सवाल
पीयूष गोयल ने कहा अमेजन और दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियों की निवेश रणनीतियों पर भी सवाल उठाए। गोयल ने अमेजन जैसी कंपनियां प्रिडेटरी प्राइसिंग (Amazon predatory pricing) करती हैं। जहां एक ओर कंपनियां प्रोफेशनल्स और टॉप के वकीलों को भारी भरकम भुगतान करती हैं। इन वजहों से जो घाटा होता है, उसे इन कंपनियों की ओर से नए इनवेस्टमेंट के जरिए बैलेंस किया जाता है। यह विजन देश के ट्रेडिशनल रिटेल बिजनेस के लिए खतरनाक हो सकता है। इसे जल्द से जल्द कंट्रोल करने की जरूरत है।
क्या है प्रिडेटरी प्राइसिंग, जिसके आरोपाें में घिरी अमेजन
प्रिडेटरी प्राइसिंग एक किसी भी प्रोडक्ट की कीमत तय करने की पॉलिसी होती है। अक्सर बड़ी कंपनियां इस पॉलिसी का इस्तेमाल करती हैं। प्रिडेटरी प्राइसिंग पॉलिसी के तहत कंपनियां अपने प्रोडक्ट या सर्विसेज की कीमतें बेहद कम कर देती है। ऐसा होने पर इस कंपनी से कंपटीशन कर रहीं दूसरी कंपनियां मुकाबला नहीं कर पातीं। मजबूरन छोटी कंपनियों को मार्केट छोड़ना पड़ता है। इसके साथ ही ऐसे बिजनेस में छोटी कंपनियों की एंट्री लेने की संभावना भी बेहद कम हो जाती है।
बताया ऑनलाइन बिजनेस पर सरकार का रूख
गोयल ने कहा कि ऑनलाइन बनाम ऑफलाइन बिजनेस (online vs offline business) पर सरकार का रुख बेहद स्पष्ट है। सरकार ऑनलाइन बिजनेस के खिलाफ नहीं है, बल्कि एक ऐसा माहौल चाहती है जिसमें सभी को एक समान मौका मिले। गोयल ने कहा कि सरकार का मकसद देश में निवेश और टेक्नाेलॉजी को बढ़ावा देना है। इस सभी चीजों के बीच देश के सभी बिजनेस सेक्टर्स के लिए एक समान और कंपीटिटिव माहौल तैयार करना भी बेहद अहम है।