PM Modi Parliament session: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद सत्र के पहले दिन के कामकाज से पहले मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज संसदीय लोकतंत्र में, यह एक गौरवशाली दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। अब तक यह प्रक्रिया पुराने सदन मं हुआ करती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिन मैं सभी नन निर्वाचित सांसदों का हृदय से स्वागत करता हूं, सबका अभिनंदन करता हूं और सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
विश्व का सबसे बड़ा चुनाव शानदार तरीके संपन्न होना गौरव की बात
पीएम मोदी ने कहा कि आज नए उमंग और उत्साह के साथ नई गति और नई ऊंचाई प्राप्त करने के लिए यह अत्यंत महत्वूपर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत के निर्माण का विकसित भारत 2047 का लक्ष्य, ये सारे संकल्प लेकर आज 18वीं लोकसभा की शुरुआत हो रही है। विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से और गौरवमय तरीके से संपन्न होना, हर भारत के लिए गर्व की बात है। यह 140 करोड़ भारतवासियों के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ मतदाताओं ने इस चुनाव में हिस्सा लिया।
देश की जनता ने दूसरी बार किसी सरकार को तीसरा मौका दिया
पीएम मोदी ने कहा कि यह चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण बन गया है कि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने के लिए देश की जनता ने अवसर दिया है। भारत की सांस्कृतिक विरासत से जो परिचित हैं, उनको पता है कि हमारे यहां 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता के 19 अध्याय है। हमारे यहां पुराणों और उप पुराणों की संख्या भी 18 है। 18 का मूलांक 9 है। 9 पूर्णता का प्रतीक है। 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार का हक मिलता है।
हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं
पीएम मोदी ने कहा कि बीते दस साल में हमने जिस परंपरा को हमने प्रस्तावित करने का निरंतर प्रयास किया है, क्योंकि हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है। इसलिए हमारी लगातार कोशिश होगी कि हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें। 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करें। हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं। सभी को साथ लेकर संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने इमरजेंसी को लेकर साधा निशान
पीएम मोदी ने कहा कि हम 24 जून को मिल रहे हैं। कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के लिए समर्पित हैं। जो भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं। उनके लिए 25 जून नहीं भूलने वाला दिन है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। देश को जेलखाना बना दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह से दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के पचास साल इस संकल्प के साथ है हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी यह संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो पचास साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था। हम जीवंत लोकतंत्र और भारत के संविधान की निर्दिष्ट दिशा के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने का संकल्प करेंगे।