19th East Asia Summit: प्रधानमंत्री मोदी ने की यूरेशिया और वेस्ट एशिया में शांति की अपील, कहा- ये युद्ध का युग नहीं है

19th East Asia Summit:पीएम मोदी ने लाओस के विएंतियाने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान से समस्याओं का हल नहीं हो सकता। भारत 'विश्वबंधु' का दायित्व निभाते हुए हरसंभव प्रयास करता रहेगा।;

Update:2024-10-11 14:56 IST
PM Modi East Asia SummitPM Modi East Asia Summit
  • whatsapp icon

19th East Asia Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 19वें ईस्ट एशिया समिट को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे संघर्षों का सबसे ज्यादा निगेटिव असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। उन्होंने यूरोप और वेस्ट एशिया में शांति और स्थिरता की बहाली की अपील करते हुए कहा कि इन समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति से निकल सकता है। आसियान समिट कम्युनिस्ट देश लाओस के विएंतियाने में चल रही है।

चीन पर निशाना... PM मोदी ने किया विस्तारवादी अप्रोच का जिक्र  

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- "यह युद्ध का युग नहीं है। हमें संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करते हुए मानवतावादी सोच के साथ काम करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक रीजन की शांति और सुरक्षा अहम है और समुद्री गतिविधियों को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून (UNCLOS) के तहत संचालित किया जाना चाहिए।
  • पीएम मोदी ने कहा, "समुद्री मार्गों और हवाई क्षेत्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना जरूरी है, और क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति को बाधित करने वाली कोई आचार संहिता नहीं होनी चाहिए। हमारा अप्रोच विकासवाद का होना चाहिए, न कि विस्तारवाद का।"

ASEAN भारत की इंडो-पैसिफिक नीति का केंद्र: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और वेस्ट एशिया में इजरायल-हमास जैसे संघर्षों से ग्लोबल साउथ के देशों पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। उन्होंने आतंकवाद को भी वैश्विक शांति के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाले सभी देशों को मिलकर इसके खिलाफ काम करना होगा। उन्होंने आसियान यूनिटी का समर्थन दोहराते हुए कहा कि आसियान भारत की इंडो-पैसिफिक नीति का केंद्र है।
 साथ ही "तूफान यागी" से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त कीं। 

भारत पड़ोसी के नाते म्यांमार को साथ लेकर चलेगा: मोदी  
म्यांमार के हालात पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पांच-सूत्रीय सहमति का सपोर्ट करता है और म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली के लिए प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा, "भारत, एक पड़ोसी के नाते म्यांमार को अलग-थलग करने के बजाय उसे साथ लेकर चलने की वकालत करता है।" पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) को भारत की 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी का आधार स्तंभ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

Similar News