Kamala Pujari: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्मश्री अवॉर्डी कमला पुजारी के निधन पर गहरा शोक जताया है। कलमा पुजारी का शुक्रवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। उन्होंने 74 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनको 2019 में जैविक खेती को बढ़ावा देने और स्वदेशी बीजों की 100 से अधिक किस्मों के संरक्षण के लिए पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया था।
कमला पुजारी के निधन पर पीएम ने जताया दुख
पीएम मोदी ने कमला पुजारी को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। पीएम मोदी ने लिखा कि श्रीमती कमला पुजारी जी के निधन से बहुत दुःख हुआ। उन्होंने कृषि, विशेष रूप से ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर पद्धतियों को बढ़ावा देने और देशी बीजों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जैव विविधता की रक्षा करने में उनके काम को वर्षों तक याद किया जाएगा। वह आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने में भी एक प्रकाश स्तंभ थीं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति!
कौन थीं कमला पुजारी?
कमला पुजारी का ओडिशा के कोरापुट में जन्म हुआ था। वह परोजा जनजाति से थी। उन्होंने जैविक खेती और देशी धान की किस्मों के संरक्षण में अहम योगदान दिया। वह नंगे पांव गांव-गांव घूम घूमकर लोगों को खेती किसानी के बेहतर तरीकों और बेहतर जैविक खेती कैसे करें, यह सिखाती थीं। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शोक जताया है।
देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी बनाई पहचान
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि कमला पुजारी ने धान की 100 से अधिक किस्मों को संरक्षित करने के अलावा कई प्रकार की हल्दी, जीरा आदि को भी संरक्षित किया। जैविक खेती और धान संरक्षण से जुड़े उनके प्रयासों से उन्हें देश में ही नहीं दुनिया में भी एक अलग पहचान मिली। उन्हें 2002 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड से नवाजा गया था। वहीं, कमला पुजारी को 2019 में भारत सरकार ने पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था।