Nalanda University inauguration:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (19 जून, 2024) को बिहार पहुंचे। यहां उन्होंने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर का दौरा किया। इन खंडहरों को 2016 में संयुक्त राष्ट्र विरासत स्थल घोषित किया गया था। बता दें कि विश्वविद्यालय के नए कैंपस का निर्माण कार्य हाल ही में पूरा किया गया है। इसे यूनिवर्सिटी के प्राचीन खंडहर के पास में ही बनाया गया है। पीएम मोदी ने इसके बाद यूनिवर्सिटी के नए परिसर पहुंचकर पौधा भी लगाया।
पीएम मोदी ने किया यूनिवर्सिटी के नए परिसर का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहे।प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के बाद यह बिहार में पीएम मोदी की यह पहली आधिकारिक यात्रा है।
पीएम मोदी ने देखा नालंदा यूनिर्विसिटी का प्राचीन खंडहर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिवर्सिटी के प्राचीन खंडहरों का दौरा किया। इस धरोहर पर पीएम मोदी पहली बार पहुंचे। नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 2010 में भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। इसके पहले चांसलर अमर्त्य सेन थे, उसके बाद सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज येओ ने यह जिम्मेदारी संभाली थी।
भारत में ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि आज भारत में उच्च शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ संस्थान खुल रहे हैं। अब भारत के शैक्षणिक संस्थान ग्लोबल हो रहे हैं। नालंदा विश्वविद्यालय को भी दुनिया के हर इलाके में जाना जाएगा। आज दुनिया का हर देश बुद्ध के इस देश के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलना चाह रहा है। नालंदा की धरती विश्व बंधुत्व की भावना को एक नया आयाम देगी। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल देश के युवाओं के लिए बेहद अहम हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के लिए भी आने वाला समय बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। आप लोग अपने ज्ञान का इस्तेमाल एक सकारात्मक बदलाव के लिए करें। अपने ज्ञान से बेहतर भविष्य का निर्माण करिए। नालंदा का गौरव ही भारत का गौरव है।
भारत फिर से दुनिया में ज्ञान का केंद्र बने
उन्होंने कहा कि भारत ने योग और आयुर्वेद जैसी प्राचीन विधाओं को पुनर्जीवित कर पूरी दुनिया में एक नई पहचान बनाई है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मिशन है कि भार दुनिया में एक बार फिर से शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बने और यह दुनिया को एक नई दिशा दे सके। 21 जून को विश्व योग दिवस है आज पूरी दुनिया योग को अपना रही है। पीएम मोदी ने योग की प्राचीन विधाओं और आयुर्वेद को स्वस्थ जीवन शैली के रूप में स्वीकार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत ने "मिशन लाइफ" के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और प्रगति को एक साथ आगे बढ़ाया है। यह भारत के ऋषियों और विद्वानों के गहन शोध का परिणाम है कि आज पूरी दुनिया योग और आयुर्वेद को अपना रही है।
नालंदा में शिक्षा सीमाओं और राष्ट्रीयता से परे थी
प्रधानमंत्री ने नालंदा विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नालंदा का अर्थ है जहां शिक्षा और ज्ञान का अविरल प्रवाह होता है। नालंदा में शिक्षा सीमाओं और राष्ट्रीयता से परे थी, जहां 20 से अधिक देशों के विद्यार्थी पढ़ते थे। यह विश्वविद्यालय एशिया की सदी के रूप में उभरने वाली 21वीं सदी को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
नालंदा पांच धर्मों का संगम स्थल: नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय की दोबारा स्थापना भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह जगह पांच धर्मों का संगम स्थल है और यहां के प्राचीन खंडहर आज भी ज्ञान के केंद्र के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि 12वीं सदी में नष्ट हुए इस विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने के प्रयास मार्च 2005 में शुरू हुए थे। सीएम नीतीश कुमार ने राजगीर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह जगह सिख, मुस्लिम, हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्मों का संगम स्थल है। यहां का गर्म पानी का कुंड, प्राचीन पहाड़, जंगल और जड़ी-बूटियों का भंडार इसे एक महत्वपूर्ण ईको टूरिज्म केंद्र बनाते हैं।
नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा संबंध
नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- यह विश्वविद्यालय युवाओं की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा। यह हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बहुत ही खास दिन है। आज सुबह 10:30 बजे, राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन होगा। नालंदा का हमारे गौरवशाली अतीत से गहरा संबंध है।
उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे प्रमुख हस्तियां
उद्घाटन समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर अरविंद पनगढ़िया शामिल हुए। इसके अलावा, 17 देशों के विदेशी राजनयिकों ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया। इनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई, दरुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका और वियतनाम के डिप्लोमैट्स शामिल रहे।
आधुनिक सुविधाओं से लैस है नया परिसर
नया परिसर दो शैक्षणिक ब्लॉकों में विभाजित है, जिनमें प्रत्येक में 40 कक्षाएं हैं और कुल बैठने की क्षमता लगभग 1900 है। इसमें दो ऑडिटोरियम भी शामिल हैं, प्रत्येक की बैठने की क्षमता 300 है। इसमें 550 लोगों की क्षमता वाला छात्रावास भी है। इसके अलावा, परिसर में एक अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, 2000 लोगों की बैठने की क्षमता वाला एक ऑडिटोरियम, एक फैकल्टी क्लब, और एक खेल परिसर जैसी कई अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं।
क्या है नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास
नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास काफी पुराना है। प्राचीन भारत में यह उच्च शिक्षा का सबसे अहम और दुनिया का पहला विश्वविद्यालय था। यह महायान बौद्ध धर्म का एक शिक्षा-केन्द्र था। यहां हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के छात्र पढ़ते थे। दुनिया के अलग- अलग देशों से छात्र यहां पढ़ने आते थे। मौजूदा समय में नालंदा विश्वविद्यालय ग्रेजुएट, मास्टर और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी जैसे पाठ्यक्रम ऑफर करता है।
नालंदा विश्वविद्यालय में पांच फंक्शनल स्कूल हैं
विश्वविद्यालय में पांच फंक्शनल स्कूल हैं। मौजूदा समय में नालंदा यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवॉयरमेंट्स स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड लिट्रेचर और स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्डटीज संचालित होते हैं।