PM Modi meditation: लोकसभा चुनाव प्रचार के खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंच गए हैं। उन्होंने सबसे पहले भगवती देवी अम्मन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। विवेकानंद रॉक मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान सत्र गुरुवार शाम शुरू हुआ। शाम 6 बजकर 45 मिनट पर पीएम मोदी ध्यान अवस्था में बैठे।
पीएम मोदी अगले 45 घंटे तक करेंगे ध्यान
प्रधानमंत्री का यह ध्यान अब अगले 45 घंटे तक चलेगा। इस दौरान उनका आहार केवल नारियल पानी, अंगूर का रस और अन्य तरल पदार्थ होंगे, और वे मौन रहेंगे। पीएम मोदी गुरुवार की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे।
भगवती अम्मन मंदिर में पूजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को कन्याकुमारी के प्रसिद्ध भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह मंदिर हिंदू धर्म की देवी भगवती को समर्पित है। इस मंदिर को कन्याकुमारी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर में पूजा के बाद विवेकानंद रॉक के लिए हुए रवाना
गुरुवार शाम भगवती अम्मन मंदिर में पूजा के बाद, मोदी विवेकानंद शिला के लिए रवाना हो गए। यहां गुरुवार देर शाम पीएम मोदी ने 1 जून तक के लिए अपनी ध्यान शुरू कर दी। इसी बीच सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की कई तस्वीरें सामने आई हैंञ इन तस्वीरों में पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल में घूमते-टहलते नजर आ रहे हैं।
विवेकानंद शिला पर 45 घंटे का ध्यान
पीएम मोदी विवेकानंद शिला पर 45 घंटे का लंबा ध्यान सत्र करेंगे। यह शिला समुद्र के बीच स्थित एक छोटे से टापू पर है। बताया जाता है कि इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ने दिव्य दृष्टि प्राप्त की थी।
पीएम मोदी के प्रवास के दौरान सुरक्षा चाक चौबंद
पीएम मोदी के प्रवास के दौरान विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पीएम मोदी के ध्यान सत्र के विवेकानंद मेमोरियल के आसपास 2000 पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। इसके साथ ही भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना के जवान भी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।
तिरुवल्लुवर प्रतिमा का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ध्यान सत्र से पहले तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा का भी दौरा किया। यह प्रतिमा विवेकानंद शिला के पास स्थित है और एक छोटे टापू पर बनी हुई है। मोदी 1 जून की शाम को दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं।संत तिरुवल्लुवर को वल्लुवर के नाम से भी जाना जाता हैं। वे एक तमिल कवि-संत थे जो अपनी रचना "तिरुक्कुरल" या "कुरल" के लिए जाने जाते हैं। तिरुवल्लुवर को दक्षिण भारत का एक महान संत माना जाता है, जिन्हें अक्सर दक्षिण का कबीर कहा जाता है।
क्या है विवेकानंद मेमोरियल का आध्यात्मिक महत्व?
शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि देवी पार्वती ने भी इसी स्थान पर एक पैर पर बैठकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम है। कन्याकुमारी भारत का सबसे दक्षिणी छोर है और यहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं। यह स्थान हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के मिलने का सेंटर प्वाइंट भी है।
जयराम रमेश और ममता बनर्जी के बयान
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा रहे हैं और दो दिनों के लिए ध्यानमग्न रहेंगे। मुझे यकीन है कि वह इस बात पर ध्यान दे रहे होंगे कि सेवानिवृत्ति के बाद जीवन कैसा होगा।" वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर मोदी के ध्यान को टीवी पर दिखाया गया तो वे इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगी। बता दें कि कांग्रेस इस पीएम मोदी के इस मेडिटेशन प्लान को लेकर पहले ही चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा चुकी है।
पीएम मोदी का केदारनाथ गुफा ध्यान
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ध्यान करने गए हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी ने अंतिम चरण की वोटिंग के समय केदारनाथ की यात्रा की थी और रुद्र गुफा में ध्यान किया था। 2014 में उन्होंने शिवाजी के प्रतापगढ़ का दौरा किया था। पीएम मोदी चुनाव प्रचार के आखिरी में इस तरह का दौरा करते रहे हैं। यह उनकी चुनावी रणनीति का एक अहम हिस्सा है। इसके जरिए पीएम मोदी अपने समर्थकों और आम जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश करते हैं।