PM Modi Unveils Ram Temple Stamps: अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 16 जनवरी से अनुष्ठान जारी हैं। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। इससे पहले गुरुवार को पीएम मोदी राम मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर के देशों द्वारा जारी भगवान राम को समर्पित टिकटों की एक बुक जारी की। टिकटों के डिजाइन में राम मंदिर, चौपाई 'मंगल भवन अमंगल हारी', सूर्य, सरयू नदी और मंदिर में और उसके आसपास की मूर्तियां शामिल हैं।
कुल 6 स्मारक डाक टिकट हुए जारी
पीएम मोदी ने कुल छह स्मारक डाक टिकट जारी किए। इसमें अयोध्या में राम मंदिर, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, जटायु, केवटराज और मां शबरी शामिल हैं। टिकटों पर सूर्य की किरणों और चौपाई का वर्णन करने वाली सोने की पत्ती का इस्तेमाल हुआ है, जो टिकटों को भव्य बनाती हैं। पांच भौतिक तत्व यानी आकाश, वायु, अग्नि, पृथ्वी और जल, जिन्हें 'पंचभूत' के रूप में जाना जाता है। ये सभी तत्व स्मारक टिकटों पर मौजूद हैं।
48 पन्नों की एक बुक भी रिलीज
पीएम मोदी ने विश्व के अलग-अलग देशों में राम से जुड़े जो डाक टिकट जारी हुए हैं, उनका एलबम रिलीज किया है। 48 पन्नों की इस पुस्तक में अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, कंबोडिया और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए टिकट शामिल हैं।
इन देशों के टिकटों का समायोजन
एंटीगुआ और बारबुडा, ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, कनाडा, चेक गणराज्य, फिजी, जिब्राल्टर, गुयाना, ग्रेनेडा, भारत, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, नेपाल, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, थाईलैंड, टोगो, संयुक्त राष्ट्र, और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी टिकटों को बुक में लगाया गया है।
मैं सभी रामभक्तों को बधाई देता हूं...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं सभी रामभक्तों को बधाई देता हूं। पोस्टल स्टैंप का एक काम, उन्हें लिफाफा लगाना, उनकी मदद से पत्र, संदेश या जरूरी कागज भेजना। लेकिन ये पोस्ट स्टैंप एक अनोखी भूमिका निभाते हैं।
ये सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि ये पोस्ट स्टैंप विचारों, इतिहास और एतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम है। जब कोई डाक टिकट जारी होता है और इसे कोई भेजता है तो वह सिर्फ पत्र नहीं बल्कि पत्र के मध्यम से इतिहास के अंश को भी दूसरों तक पहुंचाता है। ये सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं है। ये इतिहास की किताबों के रूपों और एतिहासिक क्षणों का छोटा रूप भी है। इससे युवा पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने और जानने का मौका मिलता है।