Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए आज तीसरे चरण का मतदान जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में मतदान किया। चुनाव प्रचार अभियान के बीच एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि पहली बार, मैं मुस्लिम समुदाय से आत्ममंथन करने को कह रहा हूं। आप यह सोचते रहेंगे कि सत्ता में किसे बिठाएंगे और किसे उतारेंगे, तो उसमें आप अपने बच्चों का भविष्य ही खराब करेंगे। उन्होंने टाइम्स नाऊ चैनल को दिए इंटरव्यू के कुछ अंश सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किए। पढ़ें मुस्लिम समाज से मोदी ने क्या अपील की...
कांग्रेस के जमाने में मुस्लिमों को सरकारी व्यवस्थाओं का लाभ क्यों नहीं मिला?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ''मैं आज पहली बार मुस्लिम समाज को कह रहा हूं। उनके पढ़े-लिखे लोगों को कह रहा हूं कि आत्ममंथन कीजिए। जरा सोचिए देश इतना आगे बढ़ रहा है, अगर कमी आपके समाज में महसूस होती है तो क्या कारण है। सरकारी व्यवस्थाओं का लाभ कांग्रेस के जमाने में आपको क्यों नहीं मिला? क्या कांग्रेस के कालखंड में आप इस दुर्दशा के शिकार हुए हो क्या? आत्ममंथन कीजिए और एक बात तय कीजिए कि किसी को सत्ता पर हम बैठाएंगे, हम उतारेंगे, उसमें आप आपने बच्चों का भविष्य खराब कर रहे हैं। मुसलमान समाज दुनिया के देशों में बदल रहा है, आज मैं दुनियाभर के देशों में जाता हूं तो इतना सम्मान व्यक्तिगत रूप से मुझे मिलता है और भारत को भी मिलता है, सबको लगता है, लेकिन हमारे यहां विरोध हो रहा है।''
अरबी योग के बारे में पूछते हैं, हमने इसे हिंदू-मुसलमान बना दिया
नरेंद्र मोदी ने कहा- ''सऊदी अरब में योग आधिकारिक सिलेबस का हिस्सा बन चुका है, यहां मैं योग की बात करूं तो विरोध शुरू हो जाता है और इसे मुस्लिम विरोधी बताया जाने लगता है। अगर मैं खाड़ी देशों में जाता हूं तो सारे अरबी लोग लंच या डिनर में बैठकर मुझसे योग के बारे में जरूर पूछते हैं। कहते हैं कि मोदीजी इसका ऑफिशियल ट्रेनिंग लेना है तो क्या करना होगा? कोई कहता है कि मेरी पत्नी साल में एक महीने के लिए योगी सीखने के लिए इंडिया जरूर जाती है। सारे अमीर आते हैं, उनके परिवारजन आते हैं। लेकिन यहां भारत में लोगों ने योग को हिंदू-मुसलमान बना दिया।''
बीजेपी कार्यालय पर जाकर कब्जा करो, कौन रोकेगा?
पीएम मोदी ने आगे कहा- ''अब ये जो कर रहे हैं, मैं मुसलमान समाज से आग्रहपूर्वक कहता हूं कि कम से कम अपने बच्चों की जिंदगी का तो सोचिए। अपने भविष्य के बारे में तो सोचो, मैं नहीं चाहता हूं कि कोई समाज बंधुआ मजदूर की तरह जिंदगी जिये, क्योंकि कोई डरा रहा है। दूसरा अगर आप बैठना उठना शुरू करोगे, भाजपा वाले आपको डर वाले लगते हैं। अरे जाओ न एक दिन 50 लोग एक साथ भाजपा कार्यालय में बैठे रहो। कोई निकाल के देख ले आपको, आप देखिए क्या चल रहा है। कौन निकालेगा आपको? कब्जा करो न बीजेपी कार्यालय पर जाकर, कौन रोकता है आपको।''