Indian Navy Warship Commissioning: भारतीय नौसेना के बेड़े में बुधवार (15 जनवरी) को तीन नए वॉरशिप्स की एंट्री हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में तीन अत्याधुनिक वॉरशिप, INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को नैसेना के बेड़े में शामिल कराया। पीएम मोदी ने इंडियन आर्मी डे के मौके पर इन तीनों युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित किया। इन जहाजों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत बढेगी। पीएम मोदी ने इस मौके पर सेना को इंडियन आर्मी डे की शुभकामनाएं दी। आइए, जानते हैं कि इस मौके पर पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने क्या कहा और क्या है नौसेना में शामिल हुए इन तीनों जंगी जहाजों की खासियत।
एक साथ तीन वॉरशिप राष्ट्र को समर्पित
पीएम मोदी ने तीनों युद्धपोतों को नेवी में कमीशन करने से पहले नौसेना अधिकारियों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने अफसरों के साथ इन वॉरशिप की भूमिका पर चर्चा की। इसके बाद पीएम मोदी मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने तीनों वॉरशिप, INS सूरत (डिस्ट्रॉयर), INS नीलगिरी (स्टेल्थ फ्रिगेट), और INS वाघशीर (सबमरीन), को राष्ट्र को समर्पित किया। यह पहली बार है जब एक ही समारोह में डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और सबमरीन का कमीशन किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में बड़ा कदम है। बता दें कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी बुधवार की सुबह ही मुंबई पहुंच गए थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज का किया जिक्र
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना क्षमताओं का जिक्र किया। पीए मोदी ने कहा कि शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। आज उनकी धरती पर 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त बनाने की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। तीनों वॉरशिप पूरी तरह से मेड इन इंडिया हैं। इससे आत्मनिर्भरता की दिशा में देश का संकल्प पता चलता है। साथ ही इसके आर्मी डे के दिन नौसेना में शामिल कराया गया है।
भारत के मैरीटाइम सामर्थ्य का प्रदर्शन
पीएम मोदी ने कहा कि भारत तेजी से एक मैरीटाइम पावर बन रहा है। INS नीलगिरी चोल साम्राज्य की समुद्री शक्ति को समर्पित है। INS सूरत गुजरात की ऐतिहासिक समुद्री विरासत को दर्शाता है, जो वेस्ट एशिया से जुड़े व्यापारिक संबंधों की याद दिलाता है। वहीं, INS वाघशीर, पी-75 क्लास की छठी और अंतिम सबमरीन, समुद्री सुरक्षा में क्रांति लाने वाली है। उन्होंने कहा कि ये वॉरशिप भारत की समुद्री ताकत को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।
ओपन और सिक्योर इंडो-पैसेफिक रीजन का समर्थन
प्रधानमंत्री ने ओपन, सिक्योर और इन्क्लूजिव इंडो-पैसेफिक रीजन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत विकासवाद की भावना से काम करता है और विस्तारवाद में विश्वास नहीं रखता। "सागर" (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) के मंत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत समुद्र से जुड़े देशों के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है।
आत्मनिर्भरता की दिशा में यह भारत का अहम कदम
पीएम मोदी ने तीन वॉरशिप के कमीशनिंग को आत्मनिर्भर भारत के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि ये वॉरशिप न केवल भारतीय नौसेना को सशक्त बनाएंगे, बल्कि भारत को डिफेंस क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में मजबूती देंगे। पीएम ने अपने X पोस्ट में इसे नौसेना क्षमताओं के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया।
"वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर" का मंत्र दोहराया
प्रधानमंत्री ने जी-20 समिट में दिए गए "वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर" के मंत्र का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से पूरे विश्व को एक परिवार मानकर चलता है। कोरोना काल में "वन वर्ल्ड, वन हेल्थ" का संदेश देकर भारत ने वैश्विक एकता का परिचय दिया। यह आयोजन भारत की वैश्विक सोच और विकासवाद के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- यह देश की बढ़ती ताकत का प्रमाण
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर के कमीशनिंग को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम केवल भारतीय नौसेना की ताकत नहीं, बल्कि भारतीय महासागर क्षेत्र में भारत की बढ़ती शक्ति का प्रमाण है। भारतीय महासागर का भू-रणनीतिक और आर्थिक महत्व हमेशा रहा है। हालांकि, बदलते वैश्विक परिदृश्य में इसकी अहमियत और बढ़ गई है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अटलांटिक महासागर की पुरानी अहमियत अब भारतीय महासागर को मिल रही है। यह भारत के लिए गर्व का विषय है।
नेवी चीफ ने तीन नए युद्धपोतों को कमीशनिंग पर क्या कहा?
नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर की कमीशनिंग एक ऐतिहासिक मौका है। नेवी चीफ ने कहा कि INS सूरत प्रोजेक्ट 15A और 15B डिस्ट्रॉयर की परंपरा को आगे बढ़ाता है। एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि INS नीलगिरी प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स का पहला जहाज है, जबकि INS वाघशीर प्रोजेक्ट 75 की आखिरी सबमरीन है। यह तीनों प्लेटफॉर्म इंडियन नेवी की क्षमताओं को मजबूत और प्रभावी बनाएंगे। इनसे हिंद महासागर में हमारे समुद्री हित सुरक्षित रहेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री के सागर (SAGAR) विजन को मजबूती मिलेगी।
हिंद महासागर में बढे़गी नेवी की ताकत
INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर तीनों ही अत्याधुनिक तकनीकों से लैस जहाज हैं। इन युद्धपोतों के नेवी के बेड़े में शामिल होने से हिंद महासागर में भारत की सैन्य ताकत बढ़ेगी। ये तीनों वॉरशिप ना सिर्फ केवड मॉडर्न वायफेयर की तकनीकों से लैस हैं बल्कि पूरी तरह से देश में तैयार किए गए हैं। भारत को रक्षा में आत्मनिर्भर बनाने की पहल इन तीनों जंगी जहाजों काे देश में ही डेवलप किया गया है।
INS सूरत: 75% स्वदेशी सामग्री से बनाया गया है
INS सूरत भारतीय नौसेना के P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम जहाज है। यह दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली डिस्ट्रॉयर में से एक है। इसे 75% स्वदेशी सामग्री से बनाया गया है, जो इसे भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाता है। यह एडवांस नेटवर्किंग सिस्टम और अत्याधुनिक वेपन सेंसर से लैस है। INS सूरत दुश्मन के ठिकानों को खत्म करने की असाधारण क्षमता रखता है। इसकी डिज़ाइन और निर्माण ने इसे भारतीय नौसेना के सबसे प्रभावशाली युद्धपोतों में शामिल कर दिया है। यह भारत की समुद्री सुरक्षा को नई ऊंचाई पर ले जाने का एक अहम कदम है।
INS नीलगिरि: दुश्मन की रडार नहीं पकड़ सकती
INS नीलगिरि, P17A स्टेल्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। इस जंगी जहाज को भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। यह स्टेल्थ तकनीक से लैस है। इसका मतलब है कि यह दुश्मनों के रडार की पकड़ में नहीं आ सकता। इसमें एडवांस सर्वाइबिलिटी और सी-कीपिंग क्षमता है। इसकी वजह से यह लंबे समय तक समुद्र ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। इस जहाज से चेतक और MH-60R जैसे हेलिकॉप्टरों को उड़ाया और उतारा जा सकता है। इसमें एडवांस सेंसर और वेपन सिस्टम लगते हैं। INS नीलगिरि भारतीय नौसेना की ताकत और तकनीकी क्षमता का नायाब नमूना है।
INS वाघशीर: चुपचाप नाकाम कर देगा दुश्मनों का ऑपरेशन
INS वाघशीर, P75 स्कॉर्पीन प्राेजेक्ट की छठी और अंतिम सबमरीन है। इसे फ्रांस के नेवी ग्रुप की मदद से बनाया गया है। यह दुनिया की सबसे शांत और वर्सेटाइल डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन में से एक है। इसमें वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और एडवांस सोनार सिस्टम हैं। यह एंटी-सरफेस और एंटी-सबमरीन युद्ध में विशेष रूप से सक्षम है। इसकी डिजाइन ऐसी है कि यह दुश्मनों के समुद्री ऑपरेशन को चुपचाप नाकाम कर सकता है। INS वाघशीर हिंद महासागर में चीन के एडवांस्ड युद्धपोतों के ऑपरेशन्स को नाकाम करने में अहम भूमिका निभा सकता है।