Sugarcane Price: किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने देश के 5 करोड़ गन्ना किसानों को लुभाने के लिए बुधवार को गन्ना उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) में 25 रूपए बढ़ाने की घोषणा की। यह 2014 के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से की गई अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है। अक्टूबर से शुरू होने वाले 2024-25 सीजन के लिए किसानों को प्रति क्विंटल 340 रुपये का भुगतान करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठक में गन्ना मूल्य बढ़ाने का फैसला लिया गया। गन्ना प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उगाया जाता है। एफआरपी का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।
दुनिया में भारत सबसे ज्यादा दे रहा गन्ना मूल्य
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एफआरपी में 8 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। नया एफआरपी गन्ने की ए2+एफएल लागत से 107 फीसदी अधिक है। उन्होंने दावा किया कि भारत दुनिया में गन्ने की सबसे ज्यादा कीमत चुका रहा है। इस फैसले से 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य व्यक्तियों को लाभ होगा। यह किसानों की आय दोगुनी करने की मोदी की गारंटी है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी फसल का सही समय पर सही दाम मिले। सरकार ने कहा कि पिछले सीजन 2022-23 का 99.5 प्रतिशत बकाया और अन्य सभी चीनी सीजन का 99.9 प्रतिशत बकाया पहले ही किसानों को भुगतान कर दिया गया है। ठाकुर ने कहा कि चालू 2023-24 सीजन के लिए किसानों को कुल बकाया राशि का 80 प्रतिशत से अधिक का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।
10 सालों में गन्ने के रेट में 130 रुपए की बढ़ोत्तरी
साल 2023 में सरकार ने 10 रुपए गन्ने का दाम बढ़ाया था। इसके बाद किसानों को 315 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान हो रहा था। अब 25 रुपए बढ़ने से गन्ने का दाम 340 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। 2021 में गन्ने की एमएसपी में 5 रुपए की वृद्धि कर 290 रुपए कर दिया गया था। 2022 में इसमें 15 रुपए का इजाफा हुआ तो दाम 305 रुपए हो गया। साल 2013 और 2014 के सीजन में गन्ने की एफआरपी महज 210 रुपए प्रति क्विंटल था। 10 सालों में गन्ने की एफआरपी में 130 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी हुई है।