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PM Modi Speech: प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार (30 मार्च) को नागपुर में माधव नेत्रालय की नई एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी। शिलान्यास समारोह में मोदी बोले-नया भारत गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर आगे बढ़ रहा।

PM Modi Speech: प्रधानमंत्री मोदी रविवार (30 मार्च) को नागपुर पहुंचे। PM मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय पहुंचे। संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) को श्रद्धांजलि दी। दीक्षाभूमि पहुंचकर मोदी ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि दी।

जीवन में दृष्टि ही दिशा देती 
मोदी ने माधव नेत्रालय की एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी। नेत्रालय प्रीमियम सेंटर के शिलान्यास समारोह में मोदी ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों को जनऔषधि केंद्र के जरिए सस्ती दवाएं दे रही है। डायलिसिस सेंटर मुफ्त डायलिसिस सुविधा दे रहे हैं। PM मोदी ने कहा कि माधव नेत्रालय है तो दृष्टि की बात स्वाभाविक है। जीवन में दृष्टि ही दिशा देती है। वेदों में भी यह कामना की गई है कि हम सौ वर्ष तक देखें। यह दृष्टि केवल बाह्य नहीं, बल्कि अंतर्दृष्टि भी होनी चाहिए। 

राम से राष्ट्र के जीवन मंत्र को लेकर चले हैं
पीएम नरेंद्र मोदी बोले-हम देव से देश और राम से राष्ट्र के जीवन मंत्र को लेकर चले हैं, हम अपना कर्तव्य निभाते हैं'। हमने महाकुंभ में देखा है कि कैसे स्वयंसेवकों ने लोगों की मदद की। 'जहां सेवा कार्य, वहां स्वयंसेवक। 

मैं नहीं, हम की भावना 
मोदी ने कहा कि जब प्रयासों में मैं नहीं, हम की भावना होती है, जब राष्ट्र प्रथम का भाव सर्वोपरि होता है, जब नीतियों और निर्णयों में देशवासियों का हित ही सबसे बड़ा होता है, तब उसका प्रभाव और प्रकाश सर्वत्र दिखाई देता है। 

राष्ट्रीय गौरव के नए अध्याय लिखे जा रहे 
मोदी ने आगे कहा कि आज भारत उन बेड़ियों को तोड़ रहा है, जिनमें वह उलझा था। भारत कैसे गुलामी की मानसिकता और पुरानी निशानियों को छोड़कर आगे बढ़ रहा है, यह हम सब देख रहे हैं। अब राष्ट्रीय गौरव के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं।

मानसिकता का परिवर्तन है 
अंग्रेजों द्वारा भारतीयों को नीचा दिखाने के लिए बनाए गए कानून अब बदले जा चुके हैं। दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लागू हुई है। राजपथ अब कर्तव्य पथ बन चुका है। यह सिर्फ नाम का बदलाव नहीं, बल्कि मानसिकता का परिवर्तन है। 

हमारा शरीर परोपकार के लिए ही है
मोदी ने कहा कि हमारा शरीर परोपकार के लिए ही है। सेवा के लिए ही है। जब ये सेवा संस्कारों में आ जाती है तो सेवा ही साधना बन जाती है। यही साधना तो हर एक स्वयं सेवक के जीवन की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयं सेवक को तप-तपस्या के लिए प्रेरित कर रही है, यह सेवा साधना हर स्वयं सेवक को निरंतर गतिमान रखती है। उसे कभी थकने नहीं देती, कभी रुकने नहीं देती है... हम देव से देश और राम से राष्ट्र के जीवन मंत्र को लेकर चले हैं।

देशवासी जीवन जीने की गरिमा से वंचित ना रहें
नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल किले से मैंने सबके प्रयास की बात कही थी। आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश जिस तरह काम कर रहा है माधव नेत्रालय उन प्रयासों को बढ़ा रहा है। देश के सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें यह हमारी प्राथमिकता है। देश में गरीब से गरीब व्यक्ति को भी अच्छे से अच्छा इलाज मिले, कोई भी देशवासी जीवन जीने की गरिमा से वंचित ना रहें, अपना जीवन देश के लिए दे चुके बुजुर्गों को इलाज की चिंता सताती ना रहे, यह सरकार की नीति है।

RSS अमर संस्कृति का अक्षय वट है
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सौ वर्ष पहले जो विचार बोये गये थे, वे आज वट वृक्ष की तरह दुनिया के सामने हैं। सिद्धांत और विचारधाराएं इसे ऊंचाई देती हैं और लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी शाखाएं हैं। यह कोई साधारण वट वृक्ष नहीं है, बल्कि आरएसएस भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट वृक्ष है।

करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज मिल रहा 
मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत के कारण आज करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है...बीते 10 साल में गांवों में लाखों आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं। जहां से लोगों को देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों से टेलीमेडिसिन से कंसल्टेशन मिलता है, प्राथमिक इलाज मिलता है और आगे के लिए सहायता होती है। उन्हें रोगों की जांच के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ रहा है। 

वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र दुनिया तक पहुंच रहा 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा 'वसुधैव कुटुम्बकम' का मंत्र पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है और दुनिया इसे हमारे कार्यों में भी देख रही है, महसूस कर रही है... म्यांमार में परसों ही भयंकर भूकंप आया था। भारत सबसे पहले वहां पहुंचा और ऑपरेशन ब्रह्मा चलाया। भारत मदद करने में देर नहीं लगाता। 

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