Chandigarh Politics: चंडीगढ़ मेयर के इस्तीफे की मांग ने पकड़ा जोर, बीजेपी ने कहा- महापौर के पास बहुमत नहीं, कांग्रेस ने किया तीखा पलटवार

Chandigarh Politics: चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की। दरअसल, भाजपा के प्रत्याशी कुलजीत संधू 3 वोट से सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव में जीत हासिल की। उन्हें 19 और आप-कांग्रेस गठबंधन के कैंडिडेट गुरप्रीत सिंह को 16 वोट मिले, जबकि गठबंधन का एक वोट इनवैलिड हो गया। डिप्टी मेयर पद पर भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र शर्मा को 2 वोट से जीत मिली। राजेंद्र को 19 और आप-कांग्रेस कैंडिडेट निर्मला देवी को 17 वोट मिले। भाजपा के दोनों प्रत्याशियों की जीत के बाद चंड़ीगढ़ पार्टी कार्यालय में जश्न मनाया गया। दोनों पदों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को मिली हार के बाद अब मेयर पद को लेकर सियासत गरम होती नजर आ रही है।
BJP ने मांगा इस्तीफा
दरअसल, इस बीच भाजपा के सीनियर नेता सतेंदर सिंह और पूर्व पार्षद ने मेयर कुलदीप कुमार से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि जो डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ है, उसमें गठबंधन के दोनों उम्मीदवार हार गए हैं। इसका मतलब है कि गठबंधन के पास बहुमत नहीं है। इसलिए अल्पमत में होने के कारण उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
बीजेपी में खुशी का माहौल
वहीं, चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन ने नगर निगम चंडीगढ़ के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कुलजीत सिंह संधू और राजेंद्र शर्मा को जीत पर बधाई दी। टंडन ने कहा कि चंडीगढ़ निगम चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की जीत यह पुन: साबित करती है कि बहुमत का आंकड़ा भाजपा के साथ था और अभी भी है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ समेत देश भर में भाजपा की लहर है।
कांग्रेस ने किया पलटवार
इस पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लकी ने कहा कि 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में बीजेपी के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने जिस तरह से अपनी शर्मनाक भूमिका निभाई थी, वह जग जाहिर है। उस दिन उन्होंने इंडिया गठबंधन के वोट को रद्द कर दिए और जबरन बीजेपी के प्रत्याशी को जीता हुआ घोषित कर दिया। अगर 30 जनवरी को अनिल मसीह ने ईमानदारी दिखाई होती तो गठबंधन के प्रत्याशी तीनों पद जीत जाते। उन्होंने कहा कि नौतिकता की बात बीजेपी को नहीं करना चाहिए। जो डरा धमका कर पार्षदों को अपने पाले में कर ले, उसके मुंह से नैतिकता की बात अच्छी नहीं लगती।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर के पद पर गठबंधन है, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर बीजेपी है। ऐसे में आपस में सामंजस्य स्थापित कर पाना मुश्किल लग रहा है।
गठबंधन का है मेयर
जाहिर है कि कुलदीप कुमार आम आदमी पार्टी (AAP) पार्षद हैं, लेकिन यहां पर कांग्रेस और आप का गठबंधन है। ऐसे में कांग्रेस के सपोर्ट से वह मेयर बने हैं। हालांकि 30 जनवरी को हुए मेयर के चुनाव में अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन के 8 वोट इनवैलिड कर भाजपा के मनोज सोनकर को मेयर बना दिया था। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कुलदीप कुमार विजेता घोषित कर दिए गए। इस बीच आप के तीन पार्षदों ने पाला बदल लिया और बीजेपी के साथ चले गए। जिससे बीजेपी के पास बहुमत आ है। ऐसे में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर में बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।
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