Prajwal Revanna Custody: जेडीएस के निष्कासित सांसद प्रज्वल रेवन्ना को यौन शोषण और सेक्स स्कैंडल के आरोपों में शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में SIT ने प्रज्वल रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की। हालांकि, कोर्ट ने 6 जून तक के लिए प्रज्वल रेवन्ना को पुलिस कस्टडी में भेज दिया। बता दें कि रेवन्ना को शुक्रवार को जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर शनिवार देर रात करीब 1 बजे बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।

कोर्ट में एसपीपी ने क्या कहा? 

  • स्पेशल पब्लिक प्राेसेक्यूटर (SPP) अशोक यादव ने बताया कि रेवन्ना पर दुष्कर्म के गंभीर आरोप हैं। यह मामला बहुत संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि आरोपी ने स्वयं वीडियो रिकॉर्ड किए थे, जिसमें महिलाओं की पहचान उजागर हुई है। इन वीडियो के सार्वजनिक होने से कई महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पीड़िताओं को लोग अपने ही घर में शक की नजर से देख रहे हैं। 
  • अशोक यादव ने कोर्ट से कहा कि  मामले की सही तरीके से जांच के लिए आरोपी को पुलिस हिरासत में भेजना जरूरी है। पुलिस को रेवन्ना से पूछताछ कर मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस की बरामदगी करनी है, जिससे वीडियो रिकॉर्ड किए गए थे। एपीपी ने कोर्ट को बताया कि प्रज्वल के मोबाइल फोन लॉक्ड है। प्रज्वल के मोबाइल फोन में उनके ड्राइवर का भी फेस लग
  • एपीपी ने कोर्ट में कहा कि मामला सामने आने के बाद बाद प्रज्वल अपने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेश भाग गए। आरोपी के वकील ने पेश होने के लिए सात दिन का समय मांगा। हालांकि, सात दिन भी वह एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए। प्रज्वल का विदेश से भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है। वह सिर्फ इसलिए लौटे हैं ताकि विदेश में उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सके। 

प्रज्वल के वकीलों ने बचाव में क्या कहा? 

  • प्रज्वल रेवन्ना के वकील ने 14 दिनों की पुलिस हिरासत का विरोध किया। प्रज्वल के वकीलों ने कहा कि घटना चार साल पुरानी है। साथ ही शुरुआत में इस मामले में दुष्कर्म का कोई आरोप नहीं था। वकील ने कहा कि मामले में  FIR 28 अप्रैल को दर्ज की गई थी। हालांकि, 5 मई तक 164 के तहत बयान दर्ज नहीं किया गया।
  • प्रज्वल के वकील ने यह भी तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा है। सिर्फ 162 के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया। इस मामले में दुष्कर्म का आरोप केवल इसलिए लगाया गया है क्योंकि वे जानबूझकर मामले को बढ़ा रहे हैं। ऐसे मामले में सिर्फ एक दिन की हिरासत पर्याप्त है क्योंकि प्रज्वल सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला? 
लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद, कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना को 6 जून तक एसआईटी हिरासत में भेजने का आदेश दिया। जज ने दोनों पक्षों के तर्कों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया। कोर्ट में पेशी के दौरान, प्रज्वल रेवन्ना ने बताया कि एयरपोर्ट से गिरफ्तारी के समय उन्हें कोई विशेष परेशानी नहीं हुई। हालांकि,हिरासत के दौरान टॉयलेट की स्थिति खराब है और उससे बदबू आती है। 

प्रज्वल की पोंटेंसी टेस्ट करवाने की तेयारी में  SIT
SIT को गुरुवार देर रात बेंगलूरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार करने के बाद शुक्रवार सुबह बेंगलुरु के लेडी कर्जन अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में प्रज्वल रेवन्ना का मैडिकल टेस्ट करवाया गया। सूत्रों के मुताबिक, SIT अब प्रज्वल रेवन्ना की पोटेंसी टेस्ट करवाने की योजना बना रही है। यानी कि यह जानने की कोशिश होगी कि प्रज्वल रेवन्ना नपंसक हैं या नहीं है। आम तौर पर दुष्कर्म के मामलों में आरोपी खुद को बचाने के लिए यह दावा करते हैं कि वह नपुंसक हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब एसआईटी प्रज्वल रेवन्ना की पोटेंसी टेस्ट करवाने की तैयारी में है।