Prajwal Revanna Scandal: कर्नाटक में JDS (जनता दल सेक्युलर) सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े स्कैंडल में ट्विस्ट आ गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने गुरुवार, 9 मई को कहा कि मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक महिला ने दावा किया है कि उसे कुछ लोगों ने झूठा केस दर्ज कराने के लिए मजबूर किया था। यह तथ्य सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) पर झूठे बयान लेने के लिए पीड़ितों को वेश्यावृत्ति के लिए धमकाने का आरोप लगाया।
जेडीएस नेता ने दावा किया कि एसआईटी अधिकारी पीड़ितों को धमकी दे रहे हैं कि अगर उन्होंने कांग्रेस सरकार के पक्ष में बयान नहीं दिया तो उन पर वेश्यावृत्ति का आरोप लगाया जाएगा।
कुमारस्वामी का दावा- पीड़ितों को धमकाया जा रहा
कुमारस्वामी ने कहा कि जांच अधिकारी पीड़ितों के घर जा रहे हैं और उन्हें धमका रहे हैं। उन्होंने राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा से सवाल किया कि हमें बताएं, क्या यह सच नहीं है कि एसआईटी अधिकारी पीड़ितों को उनके खिलाफ झूठे वेश्यावृत्ति के मामले दर्ज करने की धमकी दे रहे हैं? क्या इस तरह से जांच की जा रही है। कृष्णा बायरे ने प्रज्वल रेवन्ना मामले को दुनिया का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल बताया था।
कुमारस्वामी ने गौड़ा से पूछा कि अपहरण से बचाई गई महिला को आपने कहां रखा है? उसे अदालत में क्यों नहीं पेश किया जा रहा है? क्या आप पीड़ितों के निजी वीडियो के लीक होने के कृत्य का समर्थन करते हैं?
कहां हैं 2900 महिलाएं?
एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर प्रज्वल रेवन्ना मामले में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। साथ ही भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस से पूछा कि वे 2900 महिलाएं कहां हैं, जिनके साथ उनके भतीजे ने कथित वीडियो में कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था।
जेडीएस प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात
हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी गौड़ा के पोते और विधायक एचडी रेवन्ना के बेटे हैं। रेवन्ना को उनके बेटे से जुड़े सेक्स स्कैंडल की पीड़िता के अपहरण में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया है। कुमारस्वामी एचडी रेवन्ना के छोटे भाई हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना का बचाव करने का कोई सवाल ही नहीं है। हर किसी को कानून का सम्मान करना चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।
गुरुवार को जेडीएस के एक प्रतिनिधिमंडल ने कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच का आग्रह करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि हमने राज्यपाल के समक्ष इस मामले में अब तक हुए सभी घटनाक्रम प्रस्तुत कर दिए हैं। हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे केंद्र सरकार से इस मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह करें।
गृह मंत्री बोले- एसआईटी कर रही अपना काम
इस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने एसआईटी जांच का बचाव करते हुए कहा कि यह कुशलतापूर्वक काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जेडीएस द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोपों का जवाब देने की जरूरत नहीं है। एसआईटी जांच कर रही है और राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा कि मैं हर किसी को जवाब नहीं दे सकता। अगर उनके पास एसआईटी के खिलाफ कोई शिकायत है, तो उन्हें इसे दर्ज करने दें। जांच चल रही है और एक बार रिपोर्ट जमा होने के बाद सभी विवरण उपलब्ध कराए जाएंगे। अगर पीड़ितों को वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जाता है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।