Pralay Missile:भारतीय सेना अब जल्द ही 400 किलोमीटर रेंज वाली प्रलय मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है। यह मिसाइल चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात की जाएगी, जिससे दुश्मन के बेस और हथियार डिपो एक पल में खत्म हो सकते हैं। इसकी ताकत और मारक क्षमता ने इसे दुश्मन के लिए खतरनाक बना दिया है। आइए जानते हैं, इस मिसाइल की खासियत और इसके प्रभाव के बारे में।

प्रलय मिसाइल की विशेषताएं
प्रलय मिसाइल एक शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (Short Range Ballistic Missile) है, जिसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर तक है। इस मिसाइल को 2022 में भारतीय वायुसेना के लिए मंजूरी दी गई थी। इसके बाद, अप्रैल 2023 में इसके दो यूनिट्स को भी मंजूरी मिली। अब, भारतीय सेना भी इसे अपनी रॉकेट फोर्स में शामिल करने की तैयारी कर रही है। 

सीमाओं पर दुश्मन के ठिकानों का करेगी विनाश
प्रलय मिसाइल की खासियत यह है कि यह दुश्मन के ठिकानों को पास की सीमा से ही नष्ट कर सकती है। इसकी कम दूरी की वजह से यह बहुत जल्दी दुश्मन के बेस, बंकर, तोपों और हथियार डिपो को तबाह कर सकती है। दिसंबर 2021 में इसे 24 घंटे के भीतर दो बार सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया था। इस मिसाइल की तैनाती चीन और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में की जाएगी।

क्या हैं इस घातक मिसाइल के फीचर्स
प्रलय मिसाइल की सटीकता और रफ्तार इसे सबसे घातक बनाती है। इसका वजन करीब 5 टन है और यह 500 से 1000 किलोग्राम तक के पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल तीन तकनीकों पर आधारित है- प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3। इसकी तेज रफ्तार इसे और भी ज्यादा खतरनाक बनाती है। प्रलय मिसाइल रात के समय भी हमले करने में सक्षम है। यह क्षमता इसे दुश्मन के लिए और भी अधिक घातक बनाती है। इसमें लगे इन्फ्रारेड या थर्मल स्कैनर की मदद से यह रात में भी सटीक हमले कर सकती है। यह मिसाइल इन्शियल गाइडेंस सिस्टम पर चलती है और इसका ईंधन सॉलिड प्रोपेलेंट है।

 33 फीट के दायरे को कर देगी तबाह
प्रलय मिसाइल की सटीकता इतनी ज्यादा है कि अगर यह लक्ष्य से 33 फीट के दायरे में गिरती है, तो भी वह क्षेत्र पूरी तरह से तबाह हो जाएगा। इसका लॉन्चिंग सिस्टम 8X8 टाटा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर है, जो इसे तुरंत तैनात करने में सक्षम बनाता है। प्रलय मिसाइल का भारतीय सेना में शामिल होना देश की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगा। इस मिसाइल के सेना में शामिल होने से चीन और पाकिस्तान से लड़ाई के समय मदद मिलेगी। इसका इस्तेमाल दुश्मन के बेस पर अचानक हमला करने के लिए किया जाएगा।