अजब गजब केस: ये महिला प्रेग्नेंट है और नहीं भी...जानिए आखिर माजरा क्या है!

एक 53 वर्षीय महिला जूलिया तीन महीने से पीरियड न आने और पेट भारी होने से परेशान थी। इसके बाद वह डॉक्टर के पास चेकअप कराने पहुंची। महिला को जब डॉक्टर ने कहा, 'बधाई हो आप बच्चे की मां बनने वाली हैं।" इस बात को सुनकर महिला के चौंक पड़ी। जूलिया ने कहा...लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है।
जूलिया ने डॉक्टर से कहा 'मैं अपने फूले पेट से विशेष रूप से खुश नहीं हूं। पीरियड आने बंद होने से परेशान हूं। मेरा यूरिन सामान्य से अधिक आने लगा है। इस पर मेरी बहन कैरी ने कहा कि यह मधुमेह का संकेत हो सकता है और मुझे जांच करानी चाहिए। इसके बाद मैं डॉक्टर के पास पहुंची हूं।
द डेली मेल की खबर के अनुसार, जूलिया ने कहा कि जांच के बाद मुझे डॉक्टर ने बताया कि आपको मधुमेह नहीं है। आपको थायराइड की समस्या भी नहीं है, लेकिन आप गर्भवती हैं। इस बात को सुनकर मैं चकित हो गई। कुछ देर बाद मैंने डॉक्टर से कहा कि "मैं गर्भवती नहीं हो सकती, मैं 53 साल की हूँ!"
इस पर डॉक्टर ने कहा कि आप गर्भवती हो भी सकती हैं। 53 साल की उम्र में ऐसा हो सकता है। इसके बाद मैंने अगली सुबह फिर से गर्भावस्था का परीक्षण किया, जिसमें रिपोर्ट नकारात्मक आई। डॉक्टर ने मुझे बताया कि मैं गर्भवती नहीं थी, लेकिन मेरे अंडाशय पर एक बड़ा सिस्ट था, जो मेरे मूत्राशय पर दबाव डाल रहा था, जिससे पता चला कि मैं इतना अधिक पेशाब क्यों कर रही थी और वजन बढ़ गया था।'

प्रेग्नेंसी रिपोर्ट में महिला गर्भवती क्यों दिखी
डॉ. खिन्दर कहती हैं मैंने कई महिलाओं को देखा है, जिनको पीरियड नहीं आता तब उनका गर्भावस्था के लिए अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। इसमें गर्भ में डिम्बग्रंथि ट्यूमर का पता चलता है।' ऐसे में रजोनिवृत्त महिलाओं में लगभग 8 प्रतिशत महिलाओं का गर्भावस्था परीक्षण सकारात्मक हो सकता है। इसके पीछे का कारण सिस्ट की उपस्थिति हो सकती है।
'ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप रजोनिवृत्ति से गुजरते हैं, तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिर जाता है और इससे पिट्यूटरी ग्रंथि पर नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है, जो बदले में छोटे स्तर पर एचसीजी जारी करती है, जो गलत सकारात्मक गर्भावस्था परिणाम देता है।
50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं
डॉ. खिन्दर कहती हैं कि कई बार 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं भी गर्भवती हो जाती हैं। यह आईवीएफ या कभी-कभी सहज होता है, लेकिन यह कोई सामान्य घटना नहीं है।' डॉ. खिन्दर का कहना है कि जूलिया की तरह लक्षण वाली महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। इसमें देरी करने से पेट में सिस्ट बढ़ सकते हैं। इससे महिलाओं में इन सिस्ट के कैंसर तक हो सकता है।
जूलिया की गर्भावस्था रिपोर्ट डिम्बग्रंथि के कारण पॉजिटिव दिखा रहा था। बाद में जूलिया ने अल्ट्रासाउंड के तीन दिन बाद सिस्ट को हटाने के लिए सर्जरी कराई जो कैंसर मुक्त मिली। सर्जरी के दौरान ली गई बायोप्सी ने एंडोमेट्रियल कैंसर से भी नहीं मिला।
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