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Priyanka Gandhi Vadra Campaign: 52 वर्षीय प्रियंका सोमवार को रायबरेली पहुंची और पिछले दो दिनों में भुएमऊ गेस्टहाउस में स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ मैराथन बैठकें कीं। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को रायबरेली और अमेठी दोनों में मतदान होगा।

Priyanka Gandhi Vadra Campaign: वह उम्मीदवार नहीं हैं, लेकिन प्रचार अभियान में सबसे आगे हैं। बात हो रही है कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की। उत्तर प्रदेश की दो प्रतिष्ठा वाली सीटों- अमेठी और रायबरेली में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान प्रियंका गांधी ने संभाल ली है। उनके भाई राहुल गांधी रायबरेली से उम्मीदवार हैं, वहीं गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा अमेठी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

आज इन जगहों पर सभाएं
बुधवार, 8 मई से प्रियंका गांधी वाड्रा का चुनावी प्रचार शुरू हो रहा है। आज वो रायबरेली के बछरावां विधानसभा में सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक 9 नुक्कड़ सभाएं- थुलवासा, महाराजगंज, हलोर, भवानीगढ़, गूढ़ा, तिलेंडा, बछरावां, इचौली और सुदौली में करेंगी। 52 वर्षीय प्रियंका सोमवार को रायबरेली पहुंची और पिछले दो दिनों में भुएमऊ गेस्टहाउस में स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ मैराथन बैठकें कीं।

कार्यकर्ताओं से बोलीं- मेरे घर के दरवाजे आपके लिए 24 घंटे खुले
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को रायबरेली और अमेठी दोनों में मतदान होगा। सोमवार को एक बैठक में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि वह 18 मई तक रायबरेली से नहीं हटेंगी। हमें अमेठी और रायबरेली से मजबूती से लड़ना है। अब आपके दिन के 24 घंटे मेरे हैं। मैं तुम्हें डांटूंगी, दौड़ाऊंगी, तुम्हारे साथ मजबूती से खड़ी रहूंगी। मेरे घर के दरवाजे आपके लिए 24 घंटे खुले हैं। यह चुनाव संविधान बचाने का चुनाव है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अनुसार, प्रियंका ने बैठक में कहा कि भाजपा आपसे आरक्षण का लाभ छीनना चाहती है।

Priyanka Gandhi Vadra Campaign
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रायबरेली में अब तक सिर्फ तीन बार हारी कांग्रेस
रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है। 1952 में पहले लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक कांग्रेस केवल तीन बार रायबरेली हारी है। जब हार मिली तो वह साल 1977 था, जब आपातकाल के बाद चुनाव हुए थे। उसके बाद 1996 और 1998 के चुनावों में पराजय मिली। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी 2014 और 2019 के चुनाव में भाजपा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद सीट जीतने में कामयाब रहीं। 

लेकिन इस बार के चुनाव में स्वास्थ्य कारणों से सोनिया गांधी राज्यसभा में चली गयी हैं। इस बार पार्टी ने राहुल गांधी को अपने पारंपरिक गढ़ से मैदान में उतारने का फैसला किया है। अतीत में रायबरेली का प्रतिनिधित्व फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी ने किया है। उनका मुकाबला उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह से है। 2019 के चुनाव में दिनेश सिंह, सोनिया गांधी से 1.67 लाख से अधिक वोटों से हारे थे। 

Priyanka Gandhi Vadra Campaign
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अमेठी में स्मृति ईरानी से कांग्रेस के वफादार का मुकाबला
अमेठी में कांग्रेस को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। इस सीट का प्रतिनिधित्व अतीत में संजय गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने किया है। राहुल गांधी ने लगातार तीन बार अमेठी से जीत हासिल की थी। लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने करीब 52 हजार वोटों से हरा दिया। ईरानी इस बार भी भाजपा की उम्मीदवार हैं। स्मृति ईरानी ने कहा कि गांधी परिवार अमेठी में नहीं लड़ रहा है। यह दर्शाता है कि वोट पड़ने से पहले ही उन्होंने अमेठी से अपनी हार स्वीकार कर ली है। अगर उन्हें जीत की थोड़ी भी झलक भी दिखी होती, तो उन्होंने चुनाव लड़ा होता और कोई छद्म उम्मीदवार नहीं खड़ा किया होता। कांग्रेस द्वारा किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित करने के बाद ईरानी ने यह कटाक्ष किया था। 

किशोरी लाल शर्मा का नाम अमेठी के लिए नया नहीं है। वह सांसद के प्रतिनिधि के रूप में अमेठी और रायबरेली में काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वह अमेठी के लोगों की सेवा करने का अवसर चाहते हैं। अमेठी के लोग मेरे दिल में हैं। मैं यहां 40 साल से हूं। मैं शीर्ष नेतृत्व के निर्देश का पालन कर रहा हूं। मैं बस चाहता हूं कि लोग मुझे उनकी सेवा करने का मौका दें।

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