Puja Khedkar disqualification Case: पूर्व  ट्रेनी IAS पूजा खेडकर अपनी नौकरी बचाने की पूरी कोशिशों में जुटी हैं। खुद को डिस्क्वालिफाई किए जाने के खिलाफ पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। अपनी याचिका में खेडकर ने कहा है कि UPSC को मुझे डिस्क्वालिफाई करने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में मुझे फिर से IAS की ट्रेनिंग पूरी करने की इजाजत दी जाए। पूजा खेडकर को बीते महीने ही यूपीएससी ने डिसक्वालिफाई किया है।

विकलांगता कोटे के दुरपयोग का है आरोप 
बता दें कि UPSC ने पूजा खेडकर को  OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) और विकलांगता कोटा के लाभ का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इस वजह से ही पूर्व IAS अफसर को डिस्क्वालिफाई भी किया जा चुका है। पूजा खेडकर इस साल की शुरुआत से ही सुर्खियों में हैं। पहले तो वह अपने लिए आलीशान ऑफिस बनवाने और लग्जरी गाड़ी पर महाराष्ट्र शासन लिखवाने के लिए विवादों में आईं। बाद में पूजा खेडकर के माता-पिता पर भी आरोप लगे। 

'अब UPSC नहीं ले सकता मेरे खिलाफ एक्शन'
पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि चयन और नियुक्ति के बाद UPSC को उम्मीदवार को डिसक्वालिफाई करने का कोई अधिकार नहीं है। UPSC ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द (UPSC disqualification) कर दी। भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाओं में बैठने पर रोक लगा दी थी। आयोग ने आरोप लगाया कि पूजा खेडकर ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए आवेदन करते समय गलत जानकारी दी (Civil Services Exam fraud) थी। इस पर खेडकर का कहना है कि अब केवल केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ही मेरे खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

पूजा ने किया नाम बदलने के आरोप का खंडन
UPSC ने दावा किया कि पूजा खेडकर ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए तय अटेम्प से ज्यादा बार परीक्षा दी। इसके लिए पूजा खेडकर ने अपना और अपने माता-पिता का नाम बदला। इस पर खेडकर ने जवाब दिया हैकि कि 2012 से 2022 तक उनके नाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने UPSC को अपनी पहचान के बारे में कोई गलत जानकारी नहीं दी। 

आधार कार्ड और बायोमेट्रिक डेटा की पुष्टि
पूजा खेडकर ने कोर्ट से कहा है कि मेरे पहचान की पुष्टि UPSC ने बायोमेट्रिक डेटा जरिए की थे। जांच  में मरे सभी दस्तावेज़ सही पाए गए थे। मेरे एजुकेशनल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, डेट ऑफ बर्थ और दूसरी व्यक्तिगत जानकारी बिल्कुल सही पाई गई। खेडकर ने दावा किया है कि DoPT की गई जांच में भी उनकी विकलांगता को 47% तक प्रमाणित किया गया। बता दें कि PwBD (बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति) श्रेणी के लिए यूपीएससी अभ्यर्थी की विकलांगता 40% से ज्यादा होनी चाहिए। 

UPSC ने किया पूजा खेडकर की जमानत का विरोध
UPSC ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने आयोग और जनता के खिलाफ "धोखाधड़ी" की है। आयोग ने कोर्ट में दायर अपने जवाब में कहा कि खेडकर को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। इसके बाद ही इस धोखाधड़ी की गहराई को समझा जा सकेगा। UPSC ने दावा किया कि यह मामला न केवल आयोग के बल्कि आम जनता की भरोसे पर भी चोट करता है।  दिल्ली पुलिस ने भी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि पूजा खेडकर को कोई भी राहत देने से जांच में बाधा आ सकती है।