Pune Porsche Accident: पुणे पोर्श एक्सीडेंट मामले में स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार (24 मई) को सुनवाई की। कोर्ट ने आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल समेत सभी छह आरोपियों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।  साथ ही इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि घटना के वक्त नाबालिग शराब के नशे में था और पुलिस के पास इसके सबूत हैं। पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में धोखाधड़ी की धारा 420 भी जोड़ी है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को 5 जून तक किशोर सुधार गृह भेजने का आदेश दिया है।

दो पुलिस अफसर को निलंबित किया गया
पुणे हिट एंड रन केस में लापरवाही बरतने के मामले में दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया। यह दोनों पुलिस अफसर 19 मई को हादसे के वक्त नाइट ड्यूटी पर थे। जिन दो पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया गया है उनमें पुलिस इंसपेक्टर राहुल जगदाले और एपीआई विश्वनाथ टोडकरी शामिल हैं। इन दोनों पुलिस अफसरों ने पुलिस कंट्रोल रूम को हादसे की जानकारी नहीं दी थी। दोनों पुलिस अफसर येरवदा पुलिस स्टेशन के हैं। हादसे के बाद यही दोनों पुलिस अफसर मौके पर सबसे पहले पहुंचे थे। लेकिन, रात में गश्त कर रहे अपने सीनियर और जोन-1 के डीसीपी गिल को भी हादसे के बारे में जानकारी नहीं दी थी।

सबूतों से की गई छेड़छाड़: पुलिस कमिश्नर 
पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी ताकि यह दिखाया जा सके कि नाबालिग गाड़ी नहीं चला रहा था। पुलिस के पास नाबालिग के पब में शराब पीते हुए CCTV फुटेज हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह नशे में था। कमिश्नर ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के पिता, बार मालिकों और मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 भी जोड़ी है। कमिश्नर ने कहा कि इंटरनल इन्क्वॉयरी में कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से चूक हुई थी और सबूत नष्ट करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नाबालिग के पिता और दादा का दावा
आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल और पिता विशाल अग्रवाल ने दावा किया कि घटना के वक्त कार उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। पुलिस की पूछताछ में ड्राइवर ने भी अपने पहले बयान में गाड़ी चलाने की बात स्वीकार की थी, लेकिन पुलिस ने विशाल अग्रवाल का फोन जब्त किया और उसकी कॉल डिटेल और अन्य जानकारी निकालने की कोशिश कर रही है।

RTO ने पाेर्श कार का टेंपररी रजिस्ट्रेशन रद्द किया
पुणे के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने आरोपी नाबालिग को 25 साल की उम्र के पहले लाइसेंस जारी नहीं करने का निर्णय लिया है और पोर्श कार का टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन 12 महीने के लिए रद्द कर दिया है।आरोपी के पिता ने मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर से 2.44 करोड़ रुपए में यह पोर्श कार खरीदी थी। कार का टेम्पररी रजिस्ट्रेशन 18 मार्च 2024 से 17 सितंबर 2024 तक वैलिड पाया गया था। ऐसी भी जानकारी मिली है कि कार ऑनर 18 अप्रैल 2024 को  पुणे के RTO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए आया था। जिसके बाद जांच और दूसरी सभी प्रक्रियाएं उसी दिन पूरी कर ली गई थीं। लेकिन, महज 1758 रुपए की फीस भुगतान नहीं किया गया। इस वजह से कार का परमानेंट रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका और रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किया जा सका

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले पर मचा था बवाल
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पहले नाबालिग को 75 हजार रुपए के बॉन्ड और सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने की सजा सुनाते हुए जमानत दे दी थी। इस फैसले पर बवाल मच गया था। देश भर में इस फैसले का विरोध शुरू हो गया था। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने बोर्ड से फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा। बुधवार (22 मई) को बोर्ड ने आरोपी को 5 जून तक के लिए किशोर सुधार गृह भेज दिया। पुलिस ने बताया कि अपराध क्रूर तरीके से किया गया था और आरोपी का व्यवहार बालिग जैसा था, इसलिए यह निर्णय लिया गया। फिलहाल नाबालिक को बालिग मानकर मामला चलाने की याचिका पर कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है।