Pune Porsche car Accident: महाराष्ट्र के पुणे में बहुचर्चित पोर्श कार दुर्घटना मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। लग्जरी स्पोर्ट्स कार से दो आईटी प्रोफेशनल्स अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया को कुचलने वाले आरोपी किशोर की मां शिवानी अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि शिवानी अग्रवाल ने ब्लड सैंपल से न केवल छेड़छाड़ की थी कि बल्कि इसे बदल भी दिया था। जैसे ही खबर बाहर आई, शिवानी अंडरग्राउंड हो गई थीं। आखिरकार पुलिस ने उन्हें खोज निकाला। वह कल रात ही मुंबई से पुणे पहुंची थीं।
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि दुर्घटना की जांच से पता चला है कि नाबालिग के ब्लड सैंपल को उसकी मां शिवानी अग्रवाल के ब्लड सैंपल से बदल दिया गया था। इस मामले में ससून अस्पताल के दो डॉक्टर एक बॉर्ड बॉय पहले से पुलिस की हिरासत में हैं। आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल पर भी ब्लड सैंपल में हेराफेरी के मामले में केस दर्ज किया गया है।
19 मई को हुआ था हादसा
दरअसल, 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से अनीश और अश्विनी की बाइक को टक्कर मार दी थी। इससे दोनों की मौके पर मौत हो गई थी। दुर्घटना के समय आरोपी नाबालिग नशे में था। भीड़ ने उसकी पिटाई भी की थी। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।
लेकिन घटना के 15 घंटे के भीतर किशोर न्याय बोर्ड ने उसे मामूली शर्तों के साथ जमानत दे दी। उसे 300 शब्दों का सड़क दुर्घटना पर निबंध लिखने और ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने के लिए कहा गया था। लेकिन इससे लोगों में आक्रोश फैल गया। पुलिस ने बालिग की तरह मुकदमा चलाए जाने के लिए याचिका दाखिल की। आखिरकर नाबालिग की जमानत रद्द करते हुए उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
फैमिली ड्राइवर को बनाया बंधक
उधर, आरोपी के पिता विशाल और दादा ने पूरा आरोप फैमिली ड्राइवर पर मढ़ने के लिए उसे बंधक बना लिया। उस पर दोष लेने के लिए दबाव डाला। इसका खुलासा होने पर आरोपी के पिता और दादा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
जांच से पता चला है कि रसूखदार परिवार ने अपने बेटे के अपराध को छिपाने के लिए तमाम प्रयास किए। उन्होंने पहले अपने परिवार के ड्राइवर को पैसे के बदले इस भयानक दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने के लिए मनाने की कोशिश की। जब उसने इनकार किया, तो उन्होंने उसका अपहरण कर लिया और उसे कबूल करने के लिए मजबूर किया।
सरकारी ससून अस्पताल में 17 वर्षीय किशोर की मेडिकल जांच में भी अनियमितताएं मिलीं। महाराष्ट्र मेडिकल एजुकेशन ने मामले की जांच के लिए मुंबई स्थित ग्रांट्स मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. पल्लवी सापले की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
ब्लड सैंपल में हेरफेर करने वाले दोनों डॉक्टर पहले से दागी
अस्पताल के डीन विनायक काले का दावा है कि बल्ड सैंपल बदलने वाले आरोपी डॉक्टर अजय तावड़े और डॉक्टर हलनोर पहले से दागी रहे हैं। तावड़े को विधायक सुनील टिंगरे की सिफारिश पर नियुक्त किया गया था। चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने नियुक्ति की मंजूरी दी थी। जबकि किडनी ट्रांसप्लांट और ड्रग मामलों में आरोपी होने के बावजूद डॉक्टर तावड़े को फोरेंसिक विभाग का प्रमुख बनाया गया था। हालांकि इसका खुलासा करने के बाद विनायक काले को छुट्टी पर भेज दिया गया।