Death Sentence To Former Navy Officers: कतर में जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाने वाले आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को उम्मीद की किरण नजर आई है। भारत सरकार ने कतर में फंसे पूर्व नौसेना कर्मियों को छुड़ाने की पूरी कोशिश की थी। सभी संभावित कानूनी विकल्प तलाशे गए। लगातार अपील के बाद अब कतर कोर्ट ने भारत की अपील मंजूर कर ली है और अपील पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।

कतर कोर्ट ने आठ भारतीयों को सुनाई मौत की सजा

दरअसल, पिछले महीने 26 अक्टूबर को कतर कोर्ट ने आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, भारत ने कतर कोर्ट के इस फैसले को चौंकाने वाला बताया और कहा कि वह इस मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशेगा। सरकार ने कहा था कि कतर अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को राहत देने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की गई है।

मामला क्या है

कतर के दोहा में ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करने वाले आठ नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में 2022 में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन इसका कोई कारण नहीं बताया गया। गिरफ्तारी के 1 साल बाद कैदी को मौत की सजा सुनाई गई। इस घटनाक्रम ने भारत को चौंका दिया।

8 दोषियों के परिवार के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने और उनकी रिहाई के लिए बातचीत करने का आग्रह किया था। सेवानिवृत्त सैनिक संघ ने भी की अपील की थी। इसके बाद भारत की ओर से कतर की अदालत में अपील दायर की गई। कतर कोर्ट, जिसने शुरू में जवाब देने से इनकार कर दिया था। अब अपील पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, जो जल्द ही होने की संभावना है।

कतर में भारत के राजदूत ने इस साल 1 अक्टूबर को जेल में इन कर्मियों से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं इन आठों में से कुछ के परिवार कतर में भी मिल चुके हैं। मौत की सजा पाने वालों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश शामिल हैं।