Rafale Marine Jet Deal: INS विक्रांत पर तैनात होंगे 26 राफेल मरीन जेट्स, भारत-फ्रांस के बीच डील फाइनल

Rafale Marine Jet Deal: भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन जेट्स की खरीद को लेकर डील लगभग फाइनल हो गई है। इस बार फ्रांस ने डील की राशि में कटौती की है। दोनों देशों के बीच इस डील पर महीनों से बातचीत चल रही थी। यह डील भारतीय नौसेना के लिए राफेल मरीन जेट्स की खरीद के संबंध में है। हालांकि, डील की अंतिम राशि के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है।
2016 वाली बेस प्राइस रखना चाहता है भारत
भारत चाहता है कि नौसेना के लिए राफेल मरीन जेट्स की डील की बेस प्राइस वही रहे जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 राफेल विमानों की डील में थी। इस डील की अनुमानित कीमत 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। पहली बार इस डील की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान हुई थी। दिसंबर 2023 में, फ्रांस ने भारत की ओर से भेजे गए अनुरोध पत्र को स्वीकार किया था।
जून 2024 में हुई थी पहली बातचीत
इस डील के लिए पहली बातचीत जून 2024 में हुई थी। इसमें फ्रांस सरकार और डसॉल्ट कंपनी के अधिकारियों ने भारतीय रक्षा मंत्रालय की कांट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी के साथ चर्चा की थी। इस डील के तहत, फ्रांस केवल राफेल जेट्स ही नहीं बल्कि उनके लिए हथियार, सिमुलेटर, क्रू की ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी प्रदान करेगा।
भारतीय हथियारों से लैस होंगे राफेल मरीन जेट्स
फ्रांस द्वारा पेश किए गए ऑफर में राफेल जेट्स पर भारतीय हथियारों को असेंबल करने का पैकेज भी शामिल है। इन हथियारों में एस्ट्रा एयर-टू-एयर मिसाइल और भारतीय विशेष लैंडिंग उपकरण शामिल हैं। इसके साथ ही जेट्स को भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर्स से ऑपरेट करने के लिए कुछ और उपकरणों की जरूरत होगी।
INS विक्रांत पर तैनात होंगे राफेल मरीन जेट्स
भारतीय नौसेना के लिए खरीदे जा रहे 22 सिंगल सीट राफेल मरीन जेट्स और 4 डबल ट्रेनर सीट जेट्स को INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। ये जेट्स भारतीय महासागर क्षेत्र में चीन की चुनौती का सामना करने के लिए तैनात होंगे। इनका होम बेस विशाखापत्तनम में स्थित INS देगा होगा।
राफेल मरीन जेट्स की खासियत
राफेल मरीन जेट्स भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स से अधिक उन्नत हैं। इनका इंजन ज्यादा शक्तिशाली है, जिससे ये INS विक्रांत से स्की जंप कर सकते हैं। इनकी लंबाई 15.27 मीटर और वजन 10,600 किलोग्राम है। यह 1,912 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं और 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकते हैं।
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