Rahul Gandhi In Manipur: राहुल गांधी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से की मुलाकात; बोले- दुख की बात है कि कोई सुधार नहीं हुआ

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Rahul Gandhi In Manipur: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को असम-मणिपुर का दौरा किया। उन्होंने असम के बाढ़ पीड़ितों और मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की।

Rahul Gandhi In Manipur: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार (8 जुलाई) को असम-मणिपुर का दौरा किया। उन्होंने असम के बाढ़ पीड़ितों और मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि जो मणिपुर में हो रहा है, वैसा उन्होंने देश में कहीं नहीं देखा। राहुल गांधी ने ये भी कहा कि पीएम मोदी को मणिपुर आना चाहिए था। उनसे आग्रह है कि वो आएं और लोगों को भरोसा दें।

राज्यपाल अनुसुइया उइके से की मुलाकात
राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात पर राज्य की गवर्नर अनुसुइया उइके से भी मुलाकात कर अपना पत्र सौंपा।

मणिपुर में राहुल गांधी ने की प्रेस वार्ता

प्रधानमंत्री को आना चाहिए मणिपुर
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री यहां आएं, मणिपुर के लोगों की बात सुनें, कोशिश करें और समझें कि मणिपुर में क्या चल रहा है। आखिरकार, मणिपुर है भारतीय संघ का एक गौरवशाली राज्य...अगर कोई त्रासदी नहीं थी, तो भी प्रधानमंत्री को इस बड़ी त्रासदी में मणिपुर आना चाहिए था। मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह अपना 1-2 दिन का समय लें और आएं और सुनें इससे मणिपुर के लोगों को सांत्वना मिलेगी। कांग्रेस पार्टी के रूप में हम ऐसी किसी भी चीज का समर्थन करने के लिए तैयार हैं जिससे यहां की स्थिति में सुधार होगा।

मोहब्बत और भाईचारे से निकलेगा रास्ता
कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां बड़ी त्रासदी हुई है। इस बार मुझे हालात के बेहतर होने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दुख की बात है कि हालात बेहतर नहीं हुए हैं। नफरत और हिंसा से आगे कोई रास्ता नहीं मिलेगा। मोहब्बत और भाईचारे से रास्ता निकल सकता है। मैं राजनीति नहीं करना चाहता लेकिन यहां के हालत से दुखी हूं।

राहुल बोले- वक्त की मांग है शांति
सांसद राहुल ने आगे कहा कि मैंने पीड़ितों से बात की। शांति वक्त की मांग है। जो यहां हो रहा है वैसा मैंने देश में कहीं नहीं देखा। मैं मणिपुर के लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं आपके भाई की तरह आया हूं। यहां शांति के लिए जो जरूरी होगा वो करने को तैयार हैं। मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता। हिंसा किसी भी चीज का समाधान नहीं है।

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