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Arun Govil BJP Candidate:मेरठ लंकापति रावण की ससुराल मानी जाती है। मेरठ का प्राचीन नाम मयराष्ट्र है, इसे मंदोदरी का मायका कहा जाता है। मंदोदरी के पिता का नाम मयदानव था। मयदानव ने ही यह नगरी बसाई थी, जो अब मेरठ के नाम से जानी जाती है।

Arun Govil BJP Candidate: रामायण के राम अब रावण की ससुराल से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने रविवार को लोकप्रिय टीवी शो रामायण में भगवान राम की भूमिका के लिए प्रसिद्ध अनुभवी अभिनेता अरुण गोविल को मेरठ (मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट) से अपना उम्मीदवार बनाया। पार्टी ने यहां से तीन बार के लगातार सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर गोविल को लोकसभा का टिकट दिया है। इसके अरुण गोविल ने पीएम नरेंद्र मोदी और चयन समिति का आभार जताया है।

मेरठ लंकापति रावण की ससुराल मानी जाती है। मेरठ का प्राचीन नाम मयराष्ट्र है, इसे मंदोदरी का मायका कहा जाता है। मंदोदरी के पिता का नाम मयदानव था। मयदानव ने ही यह नगरी बसाई थी, जो अब मेरठ के नाम से जानी जाती है। अरुण गोविल का बचपन मेरठ की गलियों में बीता है, अब वे यहां वोट मांगते नजर आएंगे।

क्यों मेरठ से मिला अरुण गोविल को टिकट?
निवर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल की तरह अरुण गोविल भी अग्रवाल हैं। भाजपा ने जाति समीकरण पर भी पूरा ध्यान दिया है। उनका मेरठ से गहरा नाता है। अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1952 को मेरठ में ही हुआ था। पिता चंद्रप्रकाश गोवल नगर निगम के जल-कल विभाग में इंजीनियर थे। मां शारदा देवी गृहिणी थीं। गोविल के 5 भाई और 2 बहनें थीं। 

उन्होंने अपनी पूरी शिक्षा दीक्षा मेरठ से की है। मेरठ कॉलेज और चौधरी चरण विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद वे करियर बनाने के लिए मुंबई चले गए। उनकी भाभी तबस्सुम फिल्म इंडस्ट्री में थीं। कई फिल्मों के बाद जब उन्हें रामानंद सागर के टीवी सीरीयल रामायण में राम की भूमिका के लिए चुना गया तो घर-घर में प्रसिद्ध हो गए।

'श्रीकृष्ण' नीतीश भारद्वाज ने भी जीता था चुनाव
महाभारत सीरियल में कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतीश भारद्वाज ने भाजपा के टिकट पर जमशेदपुर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। ये 1996 की बात है। उस वक्त नीतीश भारद्वाज की उम्र भी 34 साल थी। वह 1996 में जनता दल के इंदर सिंह नामधारी को हराकर पहली बार सांसद चुने गए थे।

गोविल ने पहेली फिल्म से किया था डेब्यू
अरुण गोविल भले ही सीरियल रामायण से घर-घर में लोकप्रिय हो गए हों, लेकिन बड़े पर्दे पर उन्होंने काफी पहले 1977 में आई फिल्म 'पहेली' से डेब्यू किया था। यह फिल्म पारिवारिक फिल्में बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस राजश्री प्रोडक्शंस की थी। लेकिन भगवान राम के किरदार ने अरुण गोविल को एक साधारण अभिनेता से एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बना दिया। लोग उनमें भगवान राम की छवि देखने लगे थे। 

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