Ratan Tata Life Lesson: विख्यात उद्योगपति रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे। भारतीय इतिहास में रतन टाटा का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। 86 साल के रतन टाटा हमेशा कामयाबी और भरोसे की मिसाल बनकर रहे। टाटा ने अकूत दौलत से नहीं, नैतिक मूल्यों और सादगी से लोगों के दिलों में जगह बनाई। मानवता से बड़ी कोई दौलत नहीं। रतन टाटा का यह संदेश उनके जाने के बाद भी दुनिया में गूंजता रहेगा। टाटा ने कहा था लोग मुझे ऐसी व्यक्ति के रूप में याद करें जो बदलाव लाने में सफल रहा। वे कहते थे अकेले सफलता मिल सकती है, पर ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए सही टीम जरूरी। आइए जानते हैं रतन टाटा के वो 7 महात्वपूर्ण सबक जो हमें जिंदगी जीना सिखाते हैं। 

रतन टाटा के 7 सबक, जो जीना सिखाते हैं 

  1. जिंदगी टीवी सीरियल नहीं होती है। असल जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ काम होता है। 
  2. अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलें। अगर आप लंबी दूरी जाना चाहते हैं, तो साथ-साथ चलें। 
  3. लोग आपको पत्थर मारें तो आप उनका इस्तेमाल अपना महल बनाने में कर लीजिए।   
  4. मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित करता हूं। 
  5. धैर्य और दृढ़ता से चुनौतियों का सामना करें क्योंकि वे सफलता की आधारशिला हैं। 
  6. सबसे बड़ा जोखिम,जोखिम नहीं उठाना है। तेजी से बदलती दुनिया में एक ही स्ट्रैटेजी है जो नाकाम बना सकती है, वह है जोखिम न उठाना।
  7. हम सभी के पास समान प्रतिभा नहीं, पर समान अवसर है प्रतिभा विकसित करने के लिए।

दादी ने की परवरिश 
28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। उनका परिवार पारसी धर्म का अनुयायी है। रतन टाटा के माता-पिता का बचपन में ही तलाक हो गया था, जिसके बाद उनकी परवरिश उनकी दादी ने की। 1991 में रतन टाटा को टाटा समूह का चेयरमैन नियुक्त किया गया। 9 अक्टूबर 2024 को दुनिया से अलविदा हो गए। 

यह भी खास 

  • रतन टाटा शराब नहीं पीने पीते थे। धूम्रपान भी नहीं करते थे। चार बार प्यार हुआ लेकिन अविवाहित रहे। 
  • रतन टाटा स्कूल में शर्मीले थे। पिता की इच्छा के अनुसार इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
  • पिता की इच्छा न होने के बावजूद आर्किटेक्चर की डिग्री भी ली।
  • असिस्टेंट के तौर पर करिअर की शुरुआत की थी। 
  • रतन टाटा के शानदार नेतृत्व में टाटा ग्रुप का मुनाफा 50 गुना से ज्यादा हो गया।
  • 5.7 बिलियन डॉलर कमाने वाली कंपनी की कमाई कई गुना बढ़कर 103 बिलियन डॉलर हो गई। 
  • टाटा समूह 121 देशों में हैं। आठ लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है।
  • टाटा ग्रुप की कुल संपत्ति करीब 30 लाख करोड़ रु. है। 
  • मुंबई के कोलाबा इलाके में स्थित बंगले में रहने वाले रतन टाटा की खुद की नेटवर्थ 3800 करोड़ रु. है। 

देश को 500 करोड़ रुपए की सहायता दी
रतन टाटा ने अपने जीवन के सार्थक सफर में कई ऐतिहासिक काम किए। रतन टाटा को भारतीय उद्योग जगत का जनक भी कहा जाता है। रतन टाटा ने इस दुनिया को कई अनमोल तोहफे दिए हैं।  जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी, भारत भी स्वास्थ्य संकटों से जूझ रहा था। संकट के इस समय में रतन टाटा आगे आए और देश को 500 करोड़ रुपए की सहायता दी। कुछ दिन पहले ही रतन टाटा ने कुत्तों के लिए एक अस्पताल खोला था। अस्पताल खोलते वक्त उन्होंने कहा था कि मैं कुत्तों को अपने परिवार का हिस्सा मानता हूं।