Jagannath Temple: 46 साल बाद आज दोपहर 1:28 बजे पुरी जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) का खजाना खोल दिया गया है। ओडिशा मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है। यहां सांपों की मौजूदगी की आशंका को लेकर स्नेक हेल्पलाइन के साथ ही मेडिकल टीम भी मौजूद रही। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि मंदिर का रत्न भंडार खोलने के बाद जेवरातों व कीमती चीजों की सूची तैयार होगी।

अधिकारियों के मुताबिक, सरकार रत्न भंडार में मौजूद कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग करेगी, जिसमें उनके वजन और निर्माण जैसे डिटेल होंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सुपरिटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि इंजीनियर्स मरम्मत कार्य के लिए रत्न भंडार का सर्वे करेंगे।

ओडिशा CMO ने सोशल मीडिया पर रत्न भंडार खुलने की जानकारी दी

1978 में खोला गया था खजाना
मंदिर का खजाना आधिकारिक तौर पर आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। खजाना खोलने से पहले प्रशासन ने लकड़ी के भारी 6 संदूक मंगाए। एक संदूक उठाने के लिए 8 से 10 लोगों को लगना पड़ा। इन्हें रत्न भंडार गृह में भेजा गया है।

निगरानी के लिए समिति बनी
इस खजाने के कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने समिति बनाई है। इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोला गया। ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि जिस स्थान पर कीमती सामान अस्थायी रूप से रखा जाएगा, वह भी पहले से तय है। 

मंदिर के भंडार में कितना खजाना
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में दिए हलफनामे के अनुसार, रत्न भंडार में तीन कक्ष हैं। 25x40 वर्ग फुट के आंतरिक कक्ष में 50 किलो 600 ग्राम सोना और 134 किलो 50 ग्राम चांदी है। इनका कभी इस्तेमाल नहीं हुआ। बाहरी कक्ष में 95 किलो 320 ग्राम सोना और 19 किलो 480 ग्राम चांदी है। इन्हें त्योहार पर निकाला जाता है। वहीं, वर्तमान कक्ष में तीन किलो 480 ग्राम सोना और 30 किलो 350 ग्राम चांदी है। दैनिक अनुष्ठान के लिए इन्हीं का उपयोग होता है।

इससे पहले कब-कब खुल चुका हैं भंडार
मंदिर प्रबंधन समिति के प्रमुख अरविंद पाढी ने बताया कि इससे पहले रत्न भंडार 1905, 1926 और 1978 में खोला गया था और बेशकीमती चीजों की लिस्ट बनाई गई थी। रत्न भंडार को लास्ट बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था।  इसके बाद रत्न भंडार कभी नहीं खुला और उसकी चाबी भी गायब है। 

अब क्यों खुला मंदिर का भंडार
1978 के बाद से मंदिर के पास कितनी संपत्ति आई, इसका कोई अंदाजा नहीं है। हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में रत्न भंडार खोला जाना बड़ा मुद्दा था। भाजपा ने वादा किया था कि ओडिशा में सरकार बनती है तो खजाना खोला जाएगा।