Republic Day 2024 Flag Hoisting: गणतंत्र दिवस पर भारत में हर साल 26 जनवरी को लोकतंत्र का उत्सव मनाया जाता है। देश की आजादी के बाद 1950 में इसी दिन देश का संविधान लागू हुआ। देश के 2 मुख्य राष्ट्रीय त्योहार हैं। पहला गणतंत्र दिवस और दूसरा स्वतंत्रता दिवस। क्या आपने नोटिस किया है कि दोनों राष्ट्रीय त्योहारों पर झंडा लहराने का तरीका अलग होता है। आइए जानते हैं इसके क्या कारण हैं। तिरंगे के सम्मान को लेकर 26 जनवरी और 15 अगस्त के नियमों में क्या अंतर है?...    

1) गणतंत्र दिवस (Republic Day)  
रिपब्लिक डे यानी 26 जनवरी पर देश गणतंत्र बना था। भारत के राष्ट्रपति संविधान के प्रमुख होते हैं। इसलिए गणतंत्र दिवस पर तिरंगा ध्वज को फहराने का काम राष्ट्रपति करते हैं। राष्ट्रपति पहले से ही पोल में बंधे झंडे को डोरी से खींचकर फहराते हैं। इसी के साथ गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत होती है। मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर होता है। इसके बाद सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों का मार्च पास्ट होता है। देश की सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर्तव्य पथ पर किया जाता है। सामाजिक एकता, शौर्य और मानवीय मूल्यों का संदेश देती आकर्षक झाकियां भी परेड का हिस्सा होती हैं। 

मुख्य अतिथि: हर साल गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किसी देश के प्रमुख को न्योता दिया जाता है। 2024 में फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुअल मैक्रों चीफ गेस्ट हैं। जबकि पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे।

रोचक तथ्य: गणतंत्र दिवस समारोह 29 जनवरी को रायसीना हिल्स स्थित विजय चौक पर बीटिंग के साथ समाप्त होता है। 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने की परंपरा की शुरुआत की थी।

पहला गणतंत्र दिवस कैसे मना था?
भारत के पहले गणतंत्र दिवस की परेड इरविन एम्पिथिएटर (अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम) में हुई थी। इसमें 3 हजार लोग और 100 विमान शामिल हुए। फिर कुछ साल रामलीला मैदान, इरविन स्टेडियम और लाल किले पर 26 जनवरी की परेड हुई। राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर 1955 में पहली बार परेड हुई। इसमें पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद मुख्य अतिथि थे।

2) स्वतंत्रता दिवस ( Independence Day) 
इंडिपेंडेंस डे (15 अगस्त) पर मुख्य समारोह दिल्ली के लाल किला पर होता है। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। यानी पोल पर नीचे बंधे तिरंगा को रस्सी के जरिए खींचकर धीरे-धीरे ऊपर चढ़ाते हैं। इसे ध्वजारोहण कहते हैं। 1947 से ध्वरारोहण को ब्रिटिश शासन से मुक्ति और देश की स्वंतत्रता का प्रतीक माना गया। इस दिन ब्रिटिश ध्वज को उतारकर तिरंगा फहराया गया था। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से देश और समारोह में मौजूद अतिथियों को संबोधित करते हैं।

रोचक तथ्य: पहले स्वतंत्रता दिवस पर पहले ब्रिटिश गवर्नर जनरल लार्ड माउंट बेटन ध्वजारोहण करने वाले थे, लेकिन वह खुद ब्रिटिश मूल के थे इसलिए पहले प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू को यह जिम्मेदारी दी गई। तब से 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री ही ध्वजारोहण करते हैं।