Pashupati Kumar Paras resigns: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन की घोषणा हो गई है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं। मेरी पार्टी और मेरे साथ नाइंसाफी हुई है। इसलिए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। पारस ने इन शब्दों के अलावा कुछ भी नहीं कहा। न ही उन्होंने अपना अगला कदम बताया और न ही चिराग पासवान के खिलाफ एक शब्द कहे। हालांकि पीएम मोदी की तारीफ जरूर करके गए।
दरअसल, पशुपति पारस हाजीपुर सीट को लेकर अड़े हुए थे। यही सीट चिराग पासवान को भी चाहिए थी। हाजीपुर सीट से चिराग के पिता राम विलास पासवान 9 बार सांसद चुने गए थे। 2019 के चुनाव में पारस ने यहां से चुनाव लड़ा और पहली बार जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। भाजपा ने इस बार चिराग को तवज्जो दी। इससे पारस नाराज हो गए।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पशुपति पारस की पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि जल्द पार्टी के जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। उसके बाद आगे का फैसला किया जाएगा। संसदीय बोर्ड की बैठक में यह भी यह तय होगा कि हम अकेले लड़ेंगे या किसी गठबंधन की तरफ जाएंगे।
बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग का यह फॉर्मूला
बिहार में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी एनडीए में शामिल पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। भाजपा को 17, नीतीश कुमार की जदयू को 16 और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 5 सीटें मिली हैं। सीट शेयरिंग में पशुपति पारस को कोई जगह नहीं मिली। इससे वे नाराज हैं। वे वर्तमान में खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।