Dussehra Celebration: विजयादशमी पर्व यानी दशहरा के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने शस्त्र-पूजन किया। 1925 में आज, विजयादशमी के दिन ही संघ की स्थापना हुई थी और तब से लेकर हर साल नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में विशेष उत्सव मनाया जाता है। इस बार के विजयादशमी उत्सव में इसरो के पूर्व चेयरमैन और पद्म भूषण डॉ. के. राधाकृष्णन बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए।

भागवत के संबोधन में देवी अहिल्या बाई और ऋषि दयानंद का जिक्र
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी पर अपने पारंपरिक संबोधन में कहा- ''देश में देवी अहिल्या बाई होल्कर ने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया। आज उनकी 300वीं जन्म शताब्दी मनाई जा रही है। उन्होंने राजपाठ संभालते हुए धर्म-संस्कृति के संरक्षण के लिए देशभर में मंदिर और भगवान की मूर्तियों की स्थापना कराई। देवी होल्कर का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे ही स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म जयंती समारोह चल रहा है। उन्होंने आजादी के आंदोलन के दौरान भारत के पुनरोत्थान के लिए सत्यार्थ प्रकाश दिया। धर्म कैसा होना चाहिए, उसकी राह दिखाई। जन जागृति का महान प्रयास किया। आज देश को विरसा मुंडा जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है।''

भारत की साख बढ़ी, दुनिया में योग एक फैशन बन गया
डॉ. भागवत ने कहा- ''आज दुनिया चिंतित है कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ने से कौन-कौन से संकट आएंगे। लेकिन अपना देश आगे बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से पूर्व हुए। दुनियाभर में भारत की साख बढ़ी है। दुनिया में भारतीय योग एक फैशन बनता जा रहा है, लेकिन लोग उसके योग शास्त्र को भी समझ रहे हैं। देश के युवा, किसान और जवान देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। आज कुछ चुनौतियां भी हमारे सामने हैं। भारत आगे बढ़ रहा है तो कई शक्तियां ऐसी हैं कि वे अपने स्वार्थ के लिए शत्रुता की भावना से काम कर रही हैं। दुनिया में ऐसी नीति बन गई है, जो नहीं होनी चाहिए थी।''

बांग्लादेश में पहली बार हिंदु संगठित हुए, इसलिए बच पाए
डॉ. भागवत ने कहा- ''पिछले दिनों हमारे पड़ोस बांग्लादेश में क्या हुआ? हिंदु समाज पर अत्याचार हुआ, ऐसा नहीं होना चाहिए था। वहां हिंदु समाज के साथ क्या हुआ, लेकिन पहली बार वे संगठित हुए, इसलिए कुछ बचाव हो गया। दुर्बलों पर कट्टरों के हमलों का जवाब देना जरूरी है। हमें किसी से दुश्मनी नहीं करना, हमला नहीं करना, लेकिन संगठित होकर मजबूत होना है, दुर्बल नहीं रहना है। बांग्लादेश के साथ हमारा कोई बैर भाव नहीं, लेकिन पाकिस्तान कुछ ऐसा कर रहा है, जिससे उसका फायदा हो। डीफ फेक, कल्चरिज्म जैसे शब्द बढ़ रहे हैं। परंपरा से दुनिया में कोई भी समाज मजबूत होता है। उसको ध्वस्त करना ही इनका हथियार है। पहले संस्थाओं को कब्जे में लो, फिर विरोधी विचारों को फैलाना ये लंबे समय से चलता आया है।'' 

आरजी कर की घटना अपराध और राजनीति के मिलाप से हुई
''आज घरों में बच्चों को संस्कार दिए जाने की जरूरत है। वे मोबाइल में क्या देख रहे हैं, इसके लिए सरकारों को नियम-कायदे तैयार करने की आवश्यकता है। आज युवाओं में नशे का चलन बढ़ रहा है। कलकत्ता के आरजी कर हॉस्पिटल में जो हुआ, लज्जाजनक है। ये अपराध और राजनीति के मिलाप के कारण हुई। ऐसी घटना होने ही नहीं देनी है, इसके लिए तैयार करना है। पराई स्त्री माता समान है, इन मूल्यों की उपेक्षा न हो और मूल्यों की समझ बनी रहे। इसके लिए लिए हमें कार्य करना है। पूर्वोत्तर में कट्टरपंथ को उकसाकर माहौल खराब किया जा रहा है।''

आज दुर्बल और असंगठित रहना अपराध है: संघ प्रमुख भागवत 
''गणेश विसर्जन जुलूसों में पथराव गुंडागर्दी है। गुंडागर्दी किसी भी नहीं चलेगी। हमें कानून हाथ में नहीं लेना है, ये काम पुलिस-प्रशासन को करना है। लेकिन जब तक वे आएं तब तक अपने लोगों की रक्षा करनी है। हमें संगठित रहना है। दुर्बल और असंगठित रहना अपराध है। क्योंकि भगवान भी दुर्बलों की मदद नहीं करते हैं। हमें समाज को लेकर चलना है। किसी विशेष महापुरुष की जयंती एक जाति के लोग क्यों मनाएं, सभी को मिलकर मनाना चाहिए। हम अपने-अपने जाति वर्ग के लिए कुछ कर रहे हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन समस्याओं को मिलकर ठीक करना है। ये भी सोचना चाहिए कि हम में दुर्बल जाति के लिए क्या करना चाहिए।''

पर्यावरण संरक्षण के लिए तीन उपाय अपनाएं: डॉ. भागवत
''आज पर्यावरण की स्थिति बदल रही है। हमारी जमीन और पानी दूषित हो गया। बीमारियां बढ़ रही हैं, जंगल कट गए, नदियां सूख गईं। इन सबसे निपटने के लिए पर्यावरण को संरक्षित करने वाली कई नीतियां हैं। हजारों सालों से प्राकृतिक खेती होती थी, लेकिन जब रासायनिक खेती शुरू हुई तो जमीन बंजर होती चली गई। हम अपने घर से तीन काम शुरू कर सकते हैं। पहला- पानी बचाओ, दूसरा- प्लास्टिक हटाओ, तीसरा- पेड़ लगाओ। घरों और कॉलोनियों की हरियाली बढ़ाओ। कई विदेशी पेड़ों देखने में अच्छे लगते हैं, लेकिन उन पर पंछी नहीं बैठते, हवा शुद्ध नहीं होती। ऐसे पेड हम क्यों लगाएं। नीम का पेड़ लगाओ।''

डॉ. मोहन भागवत की मौजूदगी में हुआ RSS का पथ संचलन
नागपुर के रेशिमबाग स्थित मैदान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयदशमी उत्सव के अवसर पर सरसंघचालक डॉ. भागवत की मौजूदगी में पथ संचलन हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. के. राधाकृष्णन ने कहा- आज संघ के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होकर खुशी हुई। भारतीय स्पेस टेक्नोलॉजी से समाज को दुनियाभर में वैभव प्राप्त हुआ। आरएसएस के हजारों स्वयंसेवक समारोह में मौजूद रहे।

नागपुर में विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुख्य अतिथि के. राधाकृष्णन पथ संचलन में शामिल हुए।

के. सिवन, गडकरी और फडणवीस भी उपस्थित
नागपुर में विजयादशमी उत्सव के मौके पर इसरो के पूर्व चेयरमैन किसान पुत्र के. सिवन भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी समारोह के लिए नागपुर पहुंचे हैं। समारोह में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी शामिल होना था, लेकिन ट्रेन एक्सीडेंट के कारण वे तमिलनाडु रवाना हो गए।