Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों और यूक्रेन को स्पष्ट संदेश देते हुए एक डिक्री (Decree) पर हस्ताक्षर किया है। इसमें रूस के द्वारा परमाणु हमले के नियम को बदला दिया गया है। रुस ने यह कदम यूक्रेन पर रूस के हमले के 1,000वें दिन और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा यूक्रेन को रूस के अंदर सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए, लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति देने के बाद उठाया है।
नए प्रिंसिपल में कहा गया है कि रूस किसी गैर-परमाणु राज्य के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग करने पर विचार कर सकता है, अगर उन्हें परमाणु शक्ति देश का समर्थन हासिल हो। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थकों देशों को स्पष्ट संदेश दिया है। रूस ने अपने संदेश में कहा, "परमाणु सम्पन्न देश की भागीदारी के साथ एक गैर-परमाणु सम्पन्न देश द्वारा आक्रमण को संयुक्त हमला माना जाएगा।"
पेसकोव ने कहा, "हमारे प्रिंसिपल्स को वर्तमान परिस्थितियों को अनुरूप होना चाहिए इसलिए इसमें बदलाव किया गया है। उन्होंने इस अपडेट को बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बताया। साथ ही कहा कि इसका विदेशों में अध्ययन किया जाना चाहिए।
नए प्रिंसिपल्स में क्या है?
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा, "रूस परमाणु हथियारों को केवल तभी तैनात करेगा, जब वो हमले का जवाब देने के लिए मजबूर महसूस करेगा।" पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ करीब तीन साल के अभियान के दौरान परमाणु थ्रेट की एक सीरीज जारी की है, जिसको लेकर पश्चिमी देश चिंता में पड़ गए हैं। ये नया प्रिंसिपल मास्को को बड़े पैमाने पर हवाई हमले की स्थिति में परमाणु हमला करने की भी अनुमति देता है, भले ही वो केवल पारंपरिक हथियारों का ही उपयोग करता हो।
जब क्रेमलिन ने पहली बार सितंबर महीने में इन बदलावों को सार्वजनिक किया, तो पेसकोव ने इसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ चेतावनी बताया था।रूस का कहना है कि नए सिद्धांत के तहत मॉस्को की इस परमाणु नीति को उसके करीबी सहयोगी बेलारूस तक भी बढ़ाया जाएगा।
रूस-यूक्रेन यद्ध के एक हजार दिन पूरे
युद्ध के 1,000वें दिन पर बोलते हुए, पेसकोव ने कहा कि पश्चिमी देशों ने सामूहिक रूप से रूस के खिलाफ जंग छेड़ दिया है, लेकिन हम अंत होने तक इसका सामना करेंगे।