S Jaishankar on India China Relation: भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर सैनिकों की वापसी के बाद रिश्तों में सुधार की संभावना है। हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सैनिकों की वापसी के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो रहा है। हालांकि, चार साल के सैन्य टकराव के दौरान कई मुद्दे उभरे हैं, इन्हें हल करना जरूर है। जयशंकर ने कहा कि सैनिकों का हटना एक सकारात्मक कदम है। यह भविष्य में दूसरे सकारात्मक कदमों के लिए रास्ता खोल सकता है। एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में इंडियन कम्युनिटी के लोगों को संबोधित करते हुए यह बातें कही।
लद्दाख में गश्ती समझौता बना राहत का कारण
21 अक्टूबर को भारत और चीन ने LAC के लद्दाख क्षेत्र में गश्ती समझौते पर सहमति जताई। इसके चलते डेमचोक और देपसांग के विवादित क्षेत्रों में दोनों पक्षों ने सैनिकों की वापसी शुरू की है। भारतीय सेना ने अब वहां गश्ती शुरू कर दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों पक्षों के बीच सेना वापसी प्रक्रिया ठीक से हो रही है। जयशंकर ने इस प्रगति को द्विपक्षीय संबंधों में नई शुरुआत बताया है।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के साथ चर्चा
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध अब "बेहद तनावपूर्ण" नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सैनिकों के निकट होने से किसी भी अप्रिय घटना की संभावना बढ़ जाती थी, जिसे अब कम कर दिया गया है। दोनों देशों के सैनिकों के हटने के बाद अब आपसी संबंधों की नई दिशा तय करनी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के फैसले
रूस के कजान में अक्टूबर 23 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक हुई। इस बैठक में यह तय हुआ कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री अगले कदमों पर चर्चा करेंगे। इस फैसले से सीमा विवाद को हल करने और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की उम्मीद जगी है। जयशंकर ने इसे संबंधों में सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया।
बाकी मुद्दों का समाधान जरूरी
हालांकि, जयशंकर ने कहा कि सैनिकों की वापसी केवल समस्या का एक हिस्सा है। विदेश मंत्री ने कहा कि LAC के किनारे बड़ी संख्या में चीनी सैनिक तैनात हैं, जो पहले वहां नहीं थे। भारत ने भी उसी प्रकार अपनी सेना तैनात की है। इसके अलावा, चीन के साथ संबंधों के अन्य पहलुओं पर भी असर पड़ा है। अब इन सारे पहलुओं से जुड़ी समस्याओं को हल करने की जरूरत है।
क्वाड में नजर आया भारत-चीन संबंधों का असर
भारत-चीन संबंधों का प्रभाव क्वाड पर भी देखा जा सकता है, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि क्वाड चार लोकतांत्रिक देशों का एक साझा मंच है, जिसमें चारों देशों का एक समान दृष्टिकोण है। एस जयशंकर ने कहा कि क्वाड वैश्विक योगदानों के लिए एक साझा एजेंडा बताया है जो क्षेत्रीय सहयोग, जलवायु पूर्वानुमान और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर काम कर रहा है।