Sam Pitroda Raised Question On EVM: लोकसभा चुनाव होने में अभी तीन माह बचे हैं। इससे पहले राहुल गांधी परिवार के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर सवाल उठा दिए हैं। कांग्रेस नेता ने गुरुवार को कहा कि अगर ईवीएम से जुड़े मुद्दे को ठीक नहीं किया गया तो भाजपा 2024 के आम चुनावों में 400 सीटें जीतेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि राम मंदिर पर उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।

पित्रोदा एक टेक्नोक्रेट हैं। कांग्रेस भारत में दूरसंचार क्रांति लाने का श्रेय सैम पित्रोदा को देती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर की अध्यक्षता वाले एनजीओ द सिटीजंस, कमीशन ऑन इलेक्शन की रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व न्यायाधीश की मुख्य सिफारिश वीवीपीएटी प्रणाली के वर्तमान डिजाइन को बदलने की थी। लेकिन चुनाव आयोग ने कुछ नहीं किया। बता दें कि विपक्ष के कई नेता भी ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर आशंका जाहिर कर चुके हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। 

मैंने चुनाव आयोग का इंतजार किया
सैम पित्रोदा ने कहा कि मुझे लगता था कि चुनाव आयोग बदलाव करेगा। इसलिए मैंने चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार किया, लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो मैंने बोलने का फैसला किया। मेरा इस समय बोलने का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि पांच राज्यों में चुनाव खत्म हो गए हैं और 2024 का चुनाव आ रहा है। मुझे लगता है कि ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए। यह सबकुछ उसे विश्वास बनाए रखने के लिए करना चाहिए। 

सैम पित्रोदा से पूछा गया कि क्या भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 का आंकड़ा पार कर सकती है? इसके जवाब में सैम पित्रोदा ने कहा कि अगर ईवीएम ठीक नहीं हुई तो यह संभव है।

क्या मांग कर रहा विपक्ष?
कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों की मांग है कि मतदाताओं को सभी वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियां दी जानी चाहिए। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 350 से ज्यादा सीटें जीतीं। इससे पहले 2014 में भी भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा छूते हुए केंद्र में सरकार बनाई थी।

सैम बोले- मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
सैम पित्रोदा का कहना है कि राम मंदिर पर मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैं मूल रूप से संविधान की रक्षा कर रहा हूं। मैं कह रहा हूं कि धर्म एक बहुत ही निजी मामला है, इसे लोगों पर छोड़ दें। बेशक आप जश्न मनाएं, लेकिन इसे राजनीति से जटिल मत बनाइए। बुधवार को पित्रोदा ने कहा कि धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

सैम पित्रोदा ने कहा कि मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं और 60 फीसदी लोग भाजपा को वोट नहीं देते हैं। वह सबके प्रधानमंत्री हैं, किसी पार्टी के प्रधानमंत्री नहीं और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं। इस देश में राम मंदिर से भी बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और महंगाई का है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तमाम चुनौतियां हैं। लोगों को तय करना होगा कि असली मुद्दे क्या हैं?